'सर्व समाज' ही बनेगा बसपा का खेवनहार
अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए बहुजन समाज पार्टी फिलहाल सर्वसमाज की अपनी अवधारणा पर ही चलेगी। लोकसभा चुनाव में करारी हार को भूलने के संदेश के साथ बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को सर्वसमाज में भाईचारे के आधार पर पार्टी का जनाधार बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के कार्य में ढिलाई बरतने वाले राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारियों को हिदायत दी कि वे बूथ स्तर तक संगठन को नए सिरे से खड़ा करें।
लखनऊ। अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए बहुजन समाज पार्टी फिलहाल सर्वसमाज की अपनी अवधारणा पर ही चलेगी। लोकसभा चुनाव में करारी हार को भूलने के संदेश के साथ बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को सर्वसमाज में भाईचारे के आधार पर पार्टी का जनाधार बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने पार्टी को मजबूत करने के कार्य में ढिलाई बरतने वाले राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारियों को हिदायत दी कि वे बूथ स्तर तक संगठन को नए सिरे से खड़ा करें।
शनिवार को माल एवेन्यू स्थित आवास पर मायावती ने राज्यों के पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठक की। पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि बैठक में राज्यवार पार्टी संगठन की तैयारियों व सर्वसमाज में जनाधार बढ़ाने के कार्य की प्रगति की बसपा प्रमुख ने समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जिन राज्यों में पार्टी संगठन को मजबूत करने के कार्य में ढिलाई मिली उनके वरिष्ठ व जिम्मेदार पदाधिकारियों को बसपा सुप्रीमो ने सख्त हिदायत दी। कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों को जल्द ही पद से हटाया भी जा सकता है।
मायावती ने हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर राज्य में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पदाधिकारियों से वहां ताजा राजनीतिक हालात व चुनाव की तैयारियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। रविवार को बसपा सुप्रीमो पार्टी मुख्यालय में आयोजित सभी राज्यों के पदाधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करेंगी। सम्मेलन में केंद्र की भाजपा सरकार के वायदे, देश के बदले राजनीतिक हालात, देश-प्रदेश में बढ़ते सांप्रदायिक दंगे व उत्तर प्रदेश में खराब कानून व्यवस्था व विकास की स्थिति को लेकर केंद्र व राज्य सरकार को घेरने की बात कही जा सकती हैं। बसपा दोनों ही सरकार की नीतियों के खिलाफ मैदान में उतरने का ऐलान भी कर सकती हैं।