छत्तीसगढ़: कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर बर्बर हमले की चौथी बरसी, अब भी नहीं बदले हालात
दरभा हमले को नक्सलियों द्वारा नेताओं पर किया गया अब तक का सबसे बर्बर हमला माना जाता है।
रायपुर, एएनआइ। चार साल पहले आज के दिन जो हुआ था, उससे पूरा देश सिहर गया था। 25 मई 2013 को छत्तीसगढ़ स्थित दरभा के पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं के एक काफिले पर हमला बोल दिया और 32 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसे नक्सलियों द्वारा नेताओं पर किया गया अब तक का सबसे बर्बर हमला माना जाता है।
अब भी हालात जस के तस
मृतकों में छत्तीसगढ़ के पूर्व गृह मंत्री महेंद्र कर्मा, विवादित सलवा जुडूम के पथ प्रदर्शक और पूर्व विधायक उदय मुदलियार भी शामिल थे। इस हमले के बाद से सीआरपीएफ के तीन सुरक्षा कैंप घटनास्थल के दो-तीन किलोमीटर के भीतर स्थापित किए जा चुके हैं, मगर हालात में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया है। राज्य सरकार ने एक न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। जबकि यूपीए सरकार के अंतर्गत केंद्र ने एनआईए को जांच का जिम्मा सौंपा था।
न्यायिक जांच आयोग ने अब तक 65 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जबकि जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद एनआईए ने केस बंद कर दिया है। हालांकि कांग्रेस ने कहा है कि यह एक राजनीतिक साजिश थी और अगर किसी जांच एजेंसी ने जांच करने का फैसला किया है तो उसे सारे सबूत भी सौंपने चाहिए। छत्तीसगढ़ अभी भी नक्सलियों का गढ़ बना हुआ है, जहां लोग हर पल खौफ के साए में जी रहे हैं।