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फायरिंग होती देख भाग गए पुलिस वाले

मथुरा में जेल से सड़क तक हुए गैंगवार में पार्ट-टू खासा सनसनीखेज था। कुख्यात राजेश टोंटा को मारने के लिए हत्यारों ने बिजली की तेजी से ऑपरेशन को अंजाम दिया, उनकी तेजी के आगे पुलिसकर्मी कांपते रहे। कुछ तो मौके से भाग भी लिए। मौके से बरामद सुबूत पुलिस की

By Sachin kEdited By: Published: Tue, 20 Jan 2015 06:12 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jan 2015 06:30 AM (IST)
फायरिंग होती देख भाग गए पुलिस वाले

राजेश मिश्रा, मथुरा। मथुरा में जेल से सड़क तक हुए गैंगवार में पार्ट-टू खासा सनसनीखेज था। कुख्यात राजेश टोंटा को मारने के लिए हत्यारों ने बिजली की तेजी से ऑपरेशन को अंजाम दिया, उनकी तेजी के आगे पुलिसकर्मी कांपते रहे। कुछ तो मौके से भाग भी लिए। मौके से बरामद सुबूत पुलिस की कायरता बयान कर रहे हैं। इस बीच जेल में हुए गैंगवार मामले की न्यायिक जांच शुरू हो गई है।

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जेल की बैरक नंबर छह में हुए गैंगवार में कुख्यात राजेश शर्मा उर्फ टोंटा घायल हुआ था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां परिजन बार-बार कहते रहे कि पुलिस राजेश को मरवा देगी। कुछ ही देर में उनकी बात सही हो गई।

देर रात तीन पुलिस की गाडिय़ों के बीच आगरा लाते समय हाईवे पर टोंटा को गोलियों से भून दिया गया। सूत्रों के मुताबिक हमलावर हत्यारों की एक टीम मथुरा में थी, जबकि दूसरी टीम बाहर से बुलाई गई। इस टीम को टोंटा के बारे में पूरी जानकारी मिल रही थी।

दर्ज रिपोर्ट में एके-47 का खोखाः
सब इंस्पेक्टर ऋषिपाल सिंह द्वारा दर्ज कराई रिपोर्ट के अनुसार, घटनास्थल से 315 बोर के दो तमंचे, चार खोखा, एक मिस कारतूस, और एके 47 के खोखे बरामद हुए हैं। ऐसे में पुलिस मान रही है कि टोंटा पर एके 47 से भी फायङ्क्षरग की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में टोंटा को तीन गोलियां लगना पाया गया है। दो गोलियों ने भेजा उड़ा दिया तो तीसरी गोली पेट में लगी।

इसलिए तय था कुरकंदा गांव ः
जागरण ने निरीक्षण किया तो सामने आया कि हत्या के लिए गांव कुरकंदा के पास का स्थान सोच-समझकर चुना गया होगा। यहां हाईवे के साथ एक ओर यमुना की सुरक्षित खादर है तो दूसरी ओर ओल होते हुए राजस्थान भागने का विकल्प भी।

लोक शन पर नहीं मिला दरोगा, एंबुलेंस का सिपाही गायबः
हाईवे पर एक चौराहे पर जिस दरोगा की तैनाती निर्धारित की गई थी, वो दरोगा अपनी लोकेशन पर पाया ही नहीं गया। वहीं जिला अस्पताल से इंसास राइफल देकर दो सिपाहियों को एंबुलेंस में बिठाया गया था, मगर गाड़ी में एक ही सिपाही मिला। सवाल यह है कि वह दूसरा सिपाही संतोष यादव कहां गया और उसकी इंसास राइफल कहां है?

इतनी भी क्या जल्दी थी ः
जिला अस्पताल के डॉक्टर बताते हैं कि जिला जेल के गोलीकांड में टोंटा की जांघ की हड्डी टूटी थी, रक्त नलिकाएं फट गईं थीं। टोंटा इस पैर से खड़ा भी नहीं हो सकता था। रक्त नलिकाएं जोडऩे के लिए वेस्क्यलूर सर्जरी की सुविधा सिर्फ आगरा में है। मगर इस चोट से टोंटा की जिंदगी को खतरा नहीं था। ये सर्जरी कुछ दिन बाद भी हो सकती थी।

टोंटा की हत्या से सहमा शहरः
हाथरस : मथुरा जेल में गैंगवार के बाद पुलिस कस्टडी में कुख्यात राजेश टोंटा की हत्या से हाथरस सहमा-सा है। अंत्येष्टि के दूसरे दिन सोमवार को टोंटा के घर के आसपास वाली गलियों में बाजार नहीं खुले। चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात रही। सोमवार को टोंटा के घर गली सादाबादियान के आसपास वाले बागला मार्ग, पंजाबी मार्केट, रामलीला मैदान, बेनीगंज आदि बाजार बंद रहे। दोपहर रामलीला मैदान में हुई श्रद्धांजलि सभा में पिता उदयवीर शर्मा ने कहा कि मथुरा पुलिस ने षड्यंत्र के तहत बेटे की जान ली है। कानूनी दायरे में न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।

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