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...तो संयुक्त राष्ट्र से मसूद अजहर जल्द घोषित हो जाएगा आतंकवादी

संयुक्त राष्ट्र में पेश भारत के प्रस्ताव पर चीन के वीटो की मियाद खत्म होने वाली है। इसके भारत का प्रस्ताव पारित समझा जाएगा।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 07:24 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 08:56 PM (IST)
...तो संयुक्त राष्ट्र से मसूद अजहर जल्द घोषित हो जाएगा आतंकवादी

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र : चीन ने अगर फिर कोई पेंच नहीं फंसाया तो जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर जल्द वैश्विक आतंकी घोषित हो जाएगा। उसको आतंकी घोषित कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र में पेश भारत के प्रस्ताव पर चीन के वीटो की मियाद हफ्ते-दस दिन में खत्म होने वाली है। इसके बाद बीजिंग ने फिर विरोध नहीं किया तो भारत का प्रस्ताव पारित समझा जाएगा। क्योंकि चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के बाकी 14 सदस्य देश मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के पक्ष में हैं।

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इस वर्ष 31 मार्च को सुरक्षा परिषद में वीटो अधिकार प्राप्त सदस्य देश चीन ने भारत के उस प्रस्ताव पर रोक लगा दिया था, जिसमें जैश प्रमुख को आतंकी घोषित करने की संयुक्त राष्ट्र से मांग की गई थी। इस प्रस्ताव पर चीन के तकनीकी रोक की अवधि 30 सितंबर को समाप्त होने वाली है।

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ध्यान रहे कि 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में अकेले चीन ने भारत के उक्त प्रस्ताव का विरोध किया था। जबकि बाकी सभी 14 सदस्य देश मसूद को आतंकी घोषित करने के पक्ष में थे। वैश्विक आतंकवादियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति की 1267 सूची में नाम दर्ज होने पर संपत्ति जब्ती के साथ जैश सरगना पर यात्रा प्रतिबंध भी लग जाएगा।

आधिकारिक सूत्रों का कहना है, 'तकनीकी रोक की छह माह की अवधि हफ्ते-दस दिन में समाप्त होने वाली है। चीन ने फिर कोई पेंच नहीं फंसाया तो भारत का प्रस्ताव पारित समझा जाएगा क्योंकि सुरक्षा परिषद के बाकी 14 सदस्य भारत द्वारा पेश प्रस्ताव के समर्थन में हैं। इस प्रकार जैश प्रमुख मसूद अजहर के आतंकी घोषित होने का रास्ता साफ हो जाएगा।'

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उनके मुताबिक, 'आतंकवाद के खिलाफ मौजूदा वैश्विक माहौल में चीन मसूद को आतंकी घोषित कराने वाले प्रस्ताव का फिर से अकेले विरोध करने की स्थिति में नहीं है। जैश पर संयुक्त राष्ट्र 2001 में ही प्रतिबंध लगा चुका है।' भारत को आशंका है कि चीन विरोध नहीं करके कहीं प्रस्ताव पर विचार करने के लिए और समय न मांग ले। अगर ऐसा हुआ तो तकनीकी रोक जारी रहेगी। मसूद अजहर के खिलाफ भारत के प्रस्ताव का अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने जोरदार समर्थन किया है।


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