सौ दिनों में मंगल से जा मिलेगा यान
भारत के मंगल यान और लाल ग्रह यानी मंगल के मिलन में अब बस सौ दिन शेष हैं। मंगल यान तेजी से लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। यह अपने सफर का 70 फीसद हिस्सा पूरा कर चुका है। भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन यानी इसरो का कहना है कि 24 सितंबर को वह खास दिन आएगा, जब मंगल यान को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा। इसरो के अनु
बेंगलूर। भारत के मंगल यान और लाल ग्रह यानी मंगल के मिलन में अब बस सौ दिन शेष हैं। मंगल यान तेजी से लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। यह अपने सफर का 70 फीसद हिस्सा पूरा कर चुका है।
भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन यानी इसरो का कहना है कि 24 सितंबर को वह खास दिन आएगा, जब मंगल यान को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा। इसरो के अनुसार, मंगल यान तेजी से लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। फिलहाल ये अपने 300 दिनों की गहरे अंतरिक्ष यात्र में पृथ्वी से 1080 लाख किलोमीटर की दूरी पर पहुंच चुका है। अब पृथ्वी से मंगल यान तक संकेत पहुंचने में छह मिनट लगते हैं।
इसरो ने अपने मंगल यान अभियान से संबंधित फेसबुक पेज पर कहा है कि अंतरिक्ष यान और इसके पांच पेलोड बहुत अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के तौर पर 11 जून को इसरो ने दूसरी बार इसके पथ में बदलाव कर इसे मंगल ग्रह के रास्ते पर आगे बढाया था। ये काम उन्होंने अंतरिक्षयान के 22 न्यूटन के प्रक्षेपकों को लगातार 16 सेकेंड तक चलाकर किया था। वैसे अभी मंगल यान के पथ में एक बदलाव और किया जाना है, जो अगस्त में होगा। ये महत्वाकांक्षी मंगल यान आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल के जरिये पिछले साल पांच नवंबर को छोड़ा गया था।
450 करोड़ की इस परियोजना से वैज्ञानिकों को ग्रह से संबंधित शोध में मदद मिलेगी। यान और इस पर लगे उपकरणों के जरिये मंगल ग्रह के वातावरण और स्थितियों पर तमाम शोध किए जाने की योजना है।