अरुणाचल-कश्मीर को मानचित्र में बताया विवादित क्षेत्र
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर व अरुणाचल प्रदेश को विवादित क्षेत्र बताने वाले मानचित्र बंटवाने के मामले में गुजरात सरकार ने सोमवार को कहा कि ये मानचित्र चीन के साथ हस्ताक्षरित ज्ञापनों का हिस्सा नहीं थे। गुजरात सरकार ने बयान जारी कर कहा कि नक्शे चीन के ग्वांगदोंग प्रांत और ग्वांगझाउ श
नई दिल्ली। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर व अरुणाचल प्रदेश को विवादित क्षेत्र बताने वाले मानचित्र बंटवाने के मामले में गुजरात सरकार ने सोमवार को कहा कि ये मानचित्र चीन के साथ हस्ताक्षरित ज्ञापनों का हिस्सा नहीं थे।
गुजरात सरकार ने बयान जारी कर कहा कि नक्शे चीन के ग्वांगदोंग प्रांत और ग्वांगझाउ शहर को दर्शा रहे हैं। नक्शों पर न तो गुजरात सरकार के किसी अधिकारी ने हस्ताक्षर किए और न ही गुजरात सरकार इनका समर्थन करती है। नक्शे में स्थान और भौगोलिक क्षेत्र, जनसंख्या, प्रति व्यक्ति आदि अन्य आंकड़े दर्शाए गए हैं। ये नक्शे हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापनों का हिस्सा नहीं हैं।
गुजरात सरकार की ओर से यह सफाई कांग्रेस द्वारा मोदी सरकार पर तीखा हमला करने के बाद आई।
कांग्रेस ने चीन की ओर से सीमा पर लगातार की जा रही घुसपैठ पर भी चिंता जताई। पार्टी महासचिव अजय माकन ने अपने ब्लॉग में लिखा,'इस समझौता ज्ञापन में अरुणाचल प्रदेश को विवादित क्षेत्र दर्शाया गया है। प्रधानमंत्री को इस गंभीर चूक पर माफी मांगनी चाहिए। 17 सितंबर को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अहमदाबाद यात्रा के दौरान ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए राज्य सरकार द्वारा रखे गए मानचित्र में अक्साई चीन को चीन का हिस्सा दर्शाने के अलावा जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को विवादित क्षेत्र बताया गया था।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में यह चूक हुई है जो कि गंभीर मामला है। इस पर सरकार को सफाई देनी चाहिए। सिंघवी ने कहा कि आम चुनाव से पहले मोदी देश को नीचा न दिखाने की बात कह रहे थे, अब इस पूरे मामले पर उनका क्या कहना है?
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