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हादसों के लिए सड़क निर्माता भी होंगे जिम्मेदार

मोटर वाहन अधिनियम [मोटर वेहिकल एक्ट] का चेहरा ही नहीं नाम भी बदलेगा। सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक पेश करेगी, जिसमें एक्ट को सड़क यातायात अधिनियम [रोड ट्रैफिक एक्ट] के नाम से पुकारा जाएगा। इसमें हादसों के लिए वाहन चालकों के अलावा खराब सड़क बनाने वालों की जिम्मेदा

By Edited By: Published: Mon, 01 Sep 2014 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 01 Sep 2014 10:35 PM (IST)
हादसों के लिए सड़क निर्माता भी होंगे जिम्मेदार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मोटर वाहन अधिनियम [मोटर वेहिकल एक्ट] का चेहरा ही नहीं नाम भी बदलेगा। सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक पेश करेगी, जिसमें एक्ट को सड़क यातायात अधिनियम [रोड ट्रैफिक एक्ट] के नाम से पुकारा जाएगा। इसमें हादसों के लिए वाहन चालकों के अलावा खराब सड़क बनाने वालों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।

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सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क सुरक्षा पर आयोजित सेमिनार में इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि 1988 का मोटर वाहन अधिनियम प्रासंगिकता खो चुका है। इसे पूरी तरह बदले जाने की जरूरत है। मौजूदा नाम से प्रतीत होता है मानो इसका संबंध केवल सड़क पर चलने वाले वाहनों से है, जबकि इसका मकसद सड़क यातायात को नियमित, सुरक्षित और सुव्यवस्थित करना है। सड़क, उस पर चलने वाले वाहन, उनके चालक और यहां तक कि पैदल चलने वाले व्यक्तियों तक से इसका संबंध है।

गडकरी का आशय था कि मौजूदा एक्ट का फोकस मोटर वाहनों व चालकों पर ज्यादा है। इसमें सड़क बनाने व उस पर चलने वालों के कर्तव्यों और अधिकारों की उपेक्षा की गई है। इसलिए इसका नाम बदलकर इन सभी की जवाबदेही तय की जाएगी। केंद्रीय मंत्री के अनुसार ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं सड़कों के खराब डिजाइन के कारण होती हैं। हर साल एक लाख 38 हजार लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं, जिससे समाज को एक लाख करोड़ का नुकसान होता है। 63 फीसद हादसे राष्ट्रीय और प्रादेशिक राजमार्गो पर होते हैं। ज्यादातर दुपहिया चालक और पैदल चलने वाले इनका शिकार बनते हैं। दुर्घटनाओं के लिए शराब ज्यादा लोगों का मोतियाबिंद से ग्रस्त होना जिम्मेदार है। यह बात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यहां एक सड़क सुरक्षा सम्मेलन में कही। वाहनों की बढ़ती संख्या के अलावा सड़कों की खराब डिजाइन व क्वालिटी इसकी प्रमुख वजह है। मसलन, उचित जगह पर रेड लाइट, ओवरब्रिज, अंडरब्रिज या जेब्रा क्रासिंग का न होना, सड़क पर गढ्डा होना, तेज रफ्तार हाईवे में डिवाइडर पर गलत जगह पर कट होना, तीखे मोड़ पर संकेतक न होना, डिवाइडर पर हरित पट्टी न होने या सड़क को एक तरफ ऊंचा और दूसरी तरफ नीचा न बनाने से सामने से आने वाले वाहनों की रोशनी आंख पर पड़ना आदि। मौजूदा मोटर एक्ट में इन बातों के लिए सड़क निर्माता कंपनी, इंजीनियर पर कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं है परंतु नए एक्ट में विदेश की तरह उन्हें भी जवाबदेह बनाया जाएगा। अमेरिका, कनाडा, सिंगापुर, जापान, जर्मनी और ब्रिटेन के कानूनों में सुरक्षित यातायात के लिए सड़क की क्वालिटी, डिजाइन और संकेतकों पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है और इनका अनुपालन न होने पर दंड का प्रावधान है, जबकि हमारे यहां सारा जोर वाहन चालक पर है।

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