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कोविड-19 के खिलाफ भारत की जंग को डॉक्‍यूमेंट्री में बयां करेंगे बॉलीवुड एक्‍टर मनोज बाजपेयी

कोविड-19 के खिलाफ शुरू हुई जंग को छह माह बीत गए हैं लेकिन इस पर जीत हासिल नहीं हो सकी है। पूरी दुनिया के साथ भारत भी इस जंग में अहम भूमिका निभा रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 05:35 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 05:35 PM (IST)
कोविड-19 के खिलाफ भारत की जंग को डॉक्‍यूमेंट्री में बयां करेंगे बॉलीवुड एक्‍टर मनोज बाजपेयी
कोविड-19 के खिलाफ भारत की जंग को डॉक्‍यूमेंट्री में बयां करेंगे बॉलीवुड एक्‍टर मनोज बाजपेयी

मुंबई (पीटीआई)। पूरी दुनिया बीते छह माह से जानलेवा कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। इसके बावजूद अब तक इसमें कामयाबी नहीं मिल सकी है। अन्‍य देशो की ही तरह भारत भी इस जंग में शामिल है। पूरी दुनिया में इस जानलेवा बीमारी से एक अरब से अधिक लोग बीमार हो चुके हैं। पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्‍या के आधार पर भारत तीसरे नंबर पर आ चुका है। बहरहाल, छह माह से जारी इस जंग में सरकार की तरफ से इसकी रोकथाम के कई तरह के उपाय किए गए और कई बड़े फैसले भी लिए गए। इस लड़ाई में केवल सरकार की ही भूमिका अहम नहीं रही है बल्कि इसमें देश के सभी 150 करोड़ लोगों ने योगदान दिया है। यही वजह थी कि इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद भी भारत में इसके मामले दूसरे देशों के मुकाबले कम हैं। इतना  ही नहीं इसकी रोकथाम को बनी रणनीति की ही बदौलत भारत में इससे होने वाली मौतें भी दूसरे देशों से कम है। वहीं भारत में इसके मरीजों का रिकवरी रेट दूसरे देशों के मुकाबले काफी ज्‍यादा है। अब वायरस के खिलाफ भारत की इसी लड़ाई को एक डॉक्‍यूमेंट्री के जरिए पूरी दुनिया जानेगी। 

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यह डॉक्‍यूमेंट्री डिस्‍कवरी प्‍लस चैनल पर दिखाई जाएगी। इसको हिंदी के अलावा इंग्लिश, तेलगु, कन्‍नड़, मलयालम और बांग्‍ला भाषा में दिखाया जाएगा। हिंदी में इसको बॉलीवुड अभिनेता मनोज बाजपेयी अपनी आवाज देंगे जबकि तमिल के लिए लेखक और निर्देशक गौतम वासुदेव मैनन अपनी आवाज देंगे। मनोज बाजपेयी के मुताबिक उन्‍हें हमेशा से ही एक बेहतर विषय अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ शुरू हुई इस जंग पर डॉक्‍यूमेंट्री बनना और इसमें अपनी आवाज देने पर वो खुद को काफी सम्‍मानित महसूस कर रहे हैं। उनके मुताबिक ये डॉक्‍यूमेंट्री केवल वर्तमान में ही तर्कसंगत नहीं है बल्कि ये आने वाली पीढ़ी के लिए भी बेहद खास होगी। इसके जरिए वो जान पाएंगे कि इसके लिए सरकार और देशवासियों ने अपना कैसे योगदान दिया। उन्‍होंने ये भी कहा कि ये बेहद खास डॉक्‍यूमंट्री है इसलिए इसमें उन्‍होंने अपना सारा अनुभव डाल दिया था। इस खास डॉक्‍यूमेंट्री को उसी तरह से दिखाना बेहद जरूरी था, लिहाजा उन्‍होंने भी इसमें अपनी आवाज के जरिए सारा दम लगाया है। मैनन के मुताबिक ये उनकी पहली डॉक्‍यूमेंटी है। इसके लिए उन्‍होंने बहुत मेहनत भी की है। 20 जुलाई को प्रदर्शित होने वाली इस डॉक्‍यूमेंट्री के लिए उन्‍होंने देशवासियों से अपील की है कि वो इसे जरूर देखें।   

आपको बता दें कि इस डॉक्‍यूमेंट्री के कई विशेष पहलू भी हैं। जानलेवा कोरोना वायरस की शुरुआत कब, कहां और कैसे हुई इसकी जानकारी के अलावा ये कहां कहां कैसे फैलता चला गया इसकी भी जानकारी इसमें शामिल  है। हालांकि ये डॉक्‍यूमेंटी पूरी तरह से भारत की इस वायरस के खिलाफ जंग पर आधारित है, लेकिन इसमें इसकी देश और विदेश की टाइमलाइन के अलावा एक्‍सपर्ट की राय को भी शामिल किया गया है। गौरतलब है कि इस वायरस की रोकथाम के लिए भारत ने सबसे पहले कदम के तौर पर देशव्‍यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। इस लॉकडाउन के दौरान लाखों लोगों की रोजी रोटी पर संकट के बादल छाने की वजह से इन लोगों ने पैदल ही अपने घर वापसी का जोखिम भरा फैसला लिया था।  

इस डॉक्‍यूमेंट्री ऐसे लोगों की भी कहानी को शामिल किया गया है। इसके अलावा कोरोना के खिलाफ शुरू हुई इस जंग में अपना दुख दर्द भूलकर चौबिस घंटे मरीजों की सेवा में लगे डॉक्‍टर, लॉकडाउन को कामयाब बनाने के लिए सड़कों पर उतरे पुलिसकर्मी, इस मुश्किल घड़ी में साफ-सफाई का जिम्‍मा संभालने वाले कर्मी या ऐसे दूसरे लोग जो दूसरों की मदद को सामने आए, की कहानी को भी बताया गया है। ये डॉक्‍यूमेंट्री दरअसल, किसी एक  व्‍यक्ति या सरकार की तरफ से शुरू हुई जंग को भी बयां नहीं करती है बल्कि सभी के द्वारा मिलकर उठाए कदमों को बयां करती है। आपको बता दें कि कोरोना से शुरू हुई इस जंग में जीत की खातिर पुलिसकर्मी से लेकर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के लोग भी अपनी जान जोखिम में डालकर सबसे आगे खड़े हैं। इनमें से कुछ आज हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन इन सभी का हौसला और इनकी ताकत लगातार आगे बढ़ने का हौसला दे रही है।    

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