फरारी के पहले गाजियाबाद में था मनोहर
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से कनेक्शन का खुलासा होने के बाद सेना के जवान मनोहर सिंह की तलाश में जुटी खुफिया एजेंसियों को कुछ अहम सुराग मिले हैं। पता चला है कि फरार होने के पहले मनोहर सिंह ने गाजियाबाद के एक मॉल में 27 हजार रुपये के कपड़े, जूते, मोबाइल व बैग खरीदे थे।
बरेली (जागरण संवाददाता)। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से कनेक्शन का खुलासा होने के बाद सेना के जवान मनोहर सिंह की तलाश में जुटी खुफिया एजेंसियों को कुछ अहम सुराग मिले हैं। पता चला है कि फरार होने के पहले मनोहर सिंह ने गाजियाबाद के एक मॉल में 27 हजार रुपये के कपड़े, जूते, मोबाइल व बैग खरीदे थे। उसके बाद से वह कहां गया, कोई नहीं जानता। मामले की संवेदनशीलता को देख मनोहर की घेराबंदी में अब एंटी टेररिस्ट स्कवॉयड (एटीएस) भी लगाया गया है।
एसटीएफ और इंटेलीजेंस के साथ एटीएस की टीमें रुहेलखंड से लेकर बुंदेलखंड तक छापेमारी कर रही हैं। यही नहीं जेलों में बंद खूंखार आतंकियों से भी खुफिया एजेंसियों ने लंबी पूछताछ की है। खुफिया एजेंसियां किसी भी हालत में मनोहर की गिरफ्तारी की कोशिश में हैं। बरेली निवासी सेना के रिटायर्ड सूबेदार के बेटे मनोहर सिंह का एक सप्ताह पहले ही आइएसआइ से कनेक्शन का खुलासा हुआ है। मेरठ एसटीएफ की टीम और सेना की इंटेलीजेंस को जब यह पता चला कि वह सेना का जवान है तो सतर्कता बढ़ा दी गई। मनोहर सिंह की इन दिनों झांसी में तैनाती रही मगर वह काफी दिनों से लापता है। खुफिया एजेंसियों की मानें तो मनोहर की करतूतों का राजफाश होने पर वह भाग गया। उसकी तलाश में जुटी खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि वह पिछले दिनों गाजियाबाद में था। वहां दो दिन रहने के दौरान उसने एक मॉल में कपड़े, जूते, बैग व मोबाइल की खरीदारी की थी। एक शॉप में लगे सीसीटीवी कैमरे में उसके साथ एक और शख्स था, जिसके बारे में जानकारी कराई जा रही है। पता चला है कि एसटीएफ के हत्थे चढ़े आइएसआइ एजेंट आसिफ से मुलाकात करने वह गाजियाबाद ही जाता था।
इस सनसनीखेज खुलासे के बाद अब मनोहर की गिरफ्तारी की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। बुंदेलखंड के झांसी, उसके आसपास के इलाकों में तथा मध्य प्रदेश के ग्वालियर के साथ ही रुहेलखंड के बरेली-पीलीभीत में दबिशें दी जा रही हैं। छापेमारी के दौरान भी मनोहर सिंह के बारे में महत्वपूर्ण क्लू मिले हैं।
इसके बाद खुफिया टीमों ने प्रदेश की कई जेलों में बंद कुख्यात आतंकवादियों से पूछताछ की है। सूत्रों की मानें तो सूबे की एक जेल में बंद आतंकी से भी एसटीएफ को पिछले दिनों एक मामले में काफी जानकारी मिली थी। इसके साथ ही एजेंसियां नेपाल, पाकिस्तान और खाड़ी देशों से आने वाली मोबाइल कॉल पर भी निगरानी कर रही हैं।
खुफिया टीमों के राडार पर मनोहर सिंह के करीबी भी हैं। बताते हैं कि मनोहर के दो दर्जन से ज्यादा करीबियों व रिश्तेदारों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। उसके कई परिचितों तथा रिश्तेदारों से लंबी पूछताछ हो चुकी है। हालांकि उनसे मनोहर के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं मिली है। वे खुद हैरानी जता रहे हैं। अलबत्ता एक ऐसे शख्स के मोबाइल की कॉल डिटेल से मनोहर के नेपाल भागने का पता चला था, जिससे झांसी में उसकी दोस्ती हुई थी।
पढ़ें: हनी ट्रैप मामला : जवानों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर रोक