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हरियाणा में अब भाजपा का 'मनोहर' राज

देश में मोदी युग के दौरान ही प्रदेश में मनोहर राज की शुरुआत हो गई है। हरियाणा में पहली बार सत्ता में आई भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार ने रविवार से कामकाज संभाल लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और मुरली मनोहर जोशी समेत कई केंद्रीय नेताओं की गरिमामयी मौजूदगी में आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस समारोह में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई निमंत्रण नहीं मिला।

By Sachin kEdited By: Published: Mon, 27 Oct 2014 01:51 AM (IST)Updated: Mon, 27 Oct 2014 01:48 AM (IST)
हरियाणा में अब भाजपा का 'मनोहर' राज

जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़। देश में मोदी युग के दौरान ही प्रदेश में मनोहर राज की शुरुआत हो गई है। हरियाणा में पहली बार सत्ता में आई भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार ने रविवार से कामकाज संभाल लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और मुरली मनोहर जोशी समेत कई केंद्रीय नेताओं की गरिमामयी मौजूदगी में आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस समारोह में शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा कि उन्हें कोई निमंत्रण नहीं मिला।

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पंचकूला के सेक्टर पांच स्थित हुडा मैदान में राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने खट्टर को मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। खंट्टर राज्य की कमान संभालने वाले 10वें राजनेता और 20वें मुख्यमंत्री हैं। खट्टर राज्य के पांचवें गैर जाट और पहले पंजाबी मुख्यमंत्री हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खंट्टर के साथ छह कैबिनेट और तीन राज्य मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल सभी वरिष्ठ नेताओं को पार्टी ने खंट्टर मंत्रिमंडल में ऐडजस्ट कर दिया है। भाजपा के प्रांतीय अध्यक्ष एवं महेंद्रगढ़ के विधायक प्रो. रामबिलास शर्मा, भाजपा विधायक दल के पूर्व नेता अनिल विज, नारनौंद के विधायक एवं पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता कैप्टन अभिमन्यु तथा बादली के विधायक एवं किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

बादशाहपुर से विधायक राव नरबीर तथा सोनीपत से विधायक कविता जैन को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

तीन राज्य मंत्रियों में कोसली के विधायक विक्रम सिंह ठेकेदार को स्वतंत्र प्रभार मिला है, जबकि शाहबाद के विधायक कृष्ण कुमार बेदी व इंद्री के विधायक कर्ण देव कंबोज को राज्य मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। पूर्व राज्यसभा सदस्य बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता समेत कई दावेदार विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला।

मुख्यमंत्री खट्टर को 11 बजकर 23 मिनट पर शपथ ग्रहण करनी थी, लेकिन उन्होंने 11 बजकर 19 मिनट पर शपथ ग्रहण की और 11 बजकर 21 मिनट पर दायित्व पत्र पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व लालकृष्ण आडवाणी समेत सभी अतिथियों के आगमन के बाद 11 बजकर 17 मिनट पर समारोह शुरू हो गया था। खंट्टर को ज्योतिषियों ने 11 बजकर 23 मिनट पर शपथ ग्रहण करने की सलाह दी थी। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद खंट्टर ने आडवाणी के पांव छुए तो मोदी का हाथ चूमा।

कई केंद्रीय मंत्रियों व राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही भाजपा के करीब सभी बड़े नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया।

मंत्रिमंडल में वार्ता के बाद वाड्रा मामले में निर्णय : हरियाणा में सत्ता बदलते ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा फिर केंद्र बिंदु में आ गए हैं। नए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शपथ ग्रहण के बाद पत्रकारों से बातचीत में साफ कर दिया है कि रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ डील मामले में जांच या कोई अन्य कार्रवाई मंत्रिमंडल से वार्ता के बाद ही होगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे कतई बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि इससे पहले मंत्रिमंडल के दो सदस्यों प्रो. रामबिलास शर्मा और अनिल विज कहा था कि वाड्रा से जुड़े भूमि अधिग्रहण मामले की जांच हाईकोर्ट के किसी मौजूदा जज से कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रियों से चर्चा और सभी पहलुओं को जांचने के बाद ही सरकार वाड्रा मामले में कदम उठाएगी। उन्होंने अधिकारियों को भी चेताया कि जनता को बेवजह तंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

मुख्यमंत्री खट्टर ने जनता के साथ चुनाव के दौरान व पहले किए गए वादों को पूरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने कहा कि जनता को गुड गवर्नेस देने का पूरा प्रयास होगा।

इससे पूर्व दो कैबिनेट मंत्रियों प्रो. रामबिलास शर्मा और अनिल विज ने कहा था कि दस साल के कांग्रेस के शासनकाल के दौरान हुए असंवैधानिक कार्यो की जांच हाईकोर्ट के मौजूदा जज से कराई जाएगी और जमीन अधिग्रहण के मामलों में दोषी पाए जाने पर चाहे वह हुड्डा हों या फिर वाड्रा, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

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