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कांग्रेस ने माना पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पार्टी के लिए अब भी सबसे ज्यादा वजनदार नेता

कांग्रेस रही मान नोटबंदी पर एकतरफा विमर्श को मनमोहन ने थामा -कांग्रेस के लिए पूर्व पीएम अब भी सबसे ज्यादा साख वाली शख्सियत

By Mohit TanwarEdited By: Published: Sat, 10 Dec 2016 11:03 PM (IST)Updated: Sun, 11 Dec 2016 04:59 AM (IST)
कांग्रेस ने माना पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पार्टी के लिए अब भी सबसे ज्यादा वजनदार नेता

संजय मिश्र, नई दिल्ली। विपक्ष को नोटबंदी पर संसद के शीत सत्र के दौरान बहस की गुंजाइश अब काफी कम दिख रही है। मगर कांग्रेस इस बात से राहत महसूस कर रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दखल ने नोटबंदी पर राष्ट्रीय विमर्श के एकतरफा सुर पर काफी हद तक ब्रेक जरूर लगा दिया है। कांग्रेस को इस बात का भी अहसास हुआ है कि सोनिया गांधी की फिलहाल थम चुकी सियासी सक्रियता में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पार्टी के लिए अब भी सबसे ज्यादा वजनदार और भरोसेमंद नेता हैं।

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कांग्रेस के नेता भी मान रहे हैं कि लोकसभा में सरकार को नोटबंदी पर घेरने के लिए भूचाल लाने जैसी ताल ठोक रहे राहुल गांधी की आक्रामकता में मनमोहन के बयान का अहम योगदान माना जा रहा है। पार्टी नेता अनौपचारिक चर्चाओं में इस बात को कबूल कर रहे हैं कि नोटबंदी के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार को मिले शुरूआती समर्थन की हवा ने कांग्रेस ही नहीं विपक्षी सियासत की जमीन हिला दी थी। कांग्रेस ने शुरूआत से ही नोटबंदी के फैसले की खामियों पर सवाल उठाना शुरू किया था। मगर पार्टी के सवालों पर जमीनी स्तर से कोई सकारात्मक फीडबैक नहीं मिल रहे थे। गौरतलब है कि इसके बाद ही पार्टी के पुराने दिग्गजों गुलाम नबी आजाद, पी चिदंबरम, एके एंटनी, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल आदि ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चर्चा कर मनमोहन सिंह को राज्यसभा में बोलने के लिए तैयार किया। इसके बाद ही पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री की अपनी राजनीतिक साख के सहारे उन्होंने नोटबंदी से उभरी चुनौतियों को लेकर सरकार पर तगड़ा प्रहार किया। मनमोहन के उठाए सवालों की वजह से ही नोटबंदी के आर्थिक पहलूओं पर कांग्रेस के उठाए जा रहे सवालों को विश्र्वसनीयता की कसौटी पर परखा जाने लगा। मनमोहन सिंह की इसी बौद्धिक और सियासी साख का नोटबंदी पर जारी संग्राम में लाभ लेने की इसी रणनीति के तहत ही एक अंग्रेजी अखबार में दो दिन पहले उनका नोटबंदी पर चर्चित लेख भी आया है।

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इससे साफ है कि अपने नेतृत्व में घोषित राजनीतिक बदलाव के मुहाने पर खड़ी कांग्रेस को अपनी सियासी चुनौतियों से रुबरू होने को मनमोहन सिंह जैसे नेताओं की जरूरत है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी इस बारे में पूछे जाने पर कहते हैं 'डा. मनमोहन सिंह की मुल्क में अपनी विश्र्वसनीयता और इकबाल है। वे बोलते कभी-कभी हैं मगर जब बोलते हैं तो मुल्क सुनता है। पूर्व पीएम और अर्थशास्त्री के नाते नोटबंदी पर उनके बोलने के बाद ही दूसरे अर्थशास्ति्रयों को सच कहने का हौसला मिला।' तिवारी ने यह भी कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि कांग्रेस के शिखर नेतृत्व के साथ मनमोहन सिंह अभी भी केवल पार्टी ही नहीं देश की एक अहम सियासी शख्सियत हैं।


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