नसीहत से नहीं मन की करूंगा: मांझी
बड़बोले बोल के चलते जदयू के वरिष्ठ नेताओं की चेतावनी झेलने वाले बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने किसी भी नसीहत को मानने से इन्कार कर दिया।रविवार को उन्होंने इशारों में जदयू के शीर्ष नेतृत्व की सलाह और नसीहत को दरकिनार कर दिया। कहा, मैं बेवकूफ नहीं हूं। नसीहत
पटना। बड़बोले बोल के चलते जदयू के वरिष्ठ नेताओं की चेतावनी झेलने वाले बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने किसी भी नसीहत को मानने से इन्कार कर दिया।
रविवार को उन्होंने इशारों में जदयू के शीर्ष नेतृत्व की सलाह और नसीहत को दरकिनार कर दिया। कहा, मैं बेवकूफ नहीं हूं। नसीहत देने वालों से ज्यादा पढ़ा-लिखा हूं। किसी की नसीहत नहीं मानूंगा और अपने मन की ही करूंगा।
ऑल बिहार एससी-एसटी डॉक्टर्स एंड मेडिको मीट 2014 का उद्घाटन कर रहे मांझी ने अड़ियल रुख अख्तियार करते हुए कहा कि न किसी के आगे झुकूंगा और न ही किसी से डरूंगा। मैं गलती से मुख्यमंत्री बन गया और कभी भी हटाया जा सकता हूं। नवंबर का यह महीना ही कट जाए, तो बहुत है।
मुझे बेवकूफ समझने वाले मुगालते में नहीं रहें। ब्राह्माणवादी व्यवस्था ने समाज को बांट दिया है। वंचित समाज के साथ हो रहे भेदभाव पर कहा कि पर्वत पुरुष दशरथ मांझी ने खुले बदन और भूखे पेट रहकर अकेले साढ़े बाइस वर्षों में पर्वत को चीर दिया।
वे दूसरे समाज के होते तो नोबेल पुरस्कार मिला होता। गौरतलब है कि गत दो-तीन दिनों में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी, प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह आदि ने मुख्यमंत्री को ऐसे बयानों से परहेज रखने की सलाह दी थी, जिससे पार्टी असहज स्थिति में आ जाती है। इस बाबत अल्टीमेटम भी मिला था।