शीला दीक्षित के बंगले पर है मनीष सिसोदिया की नजर
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की नजर सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के उस बंगले पर लगी है, जहां पर मुख्यमंत्री बनने के बाद वह पहली बार रहने आई थी। दीक्षित के लिए शुभ साबित हुआ यह बंगला राजधानी के मथुरा रोड पर है और केंद्र सरकार के तहत
नई दिल्ली [अजय पांडेय]। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की नजर सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के उस बंगले पर लगी है, जहां पर मुख्यमंत्री बनने के बाद वह पहली बार रहने आई थी। दीक्षित के लिए शुभ साबित हुआ यह बंगला राजधानी के मथुरा रोड पर है और केंद्र सरकार के तहत आने वाले इस बंगले का नंबर एबी 17 है।
उच्च सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय को मथुरा रोड पर मौजूद इस बंगले को दिल्ली सरकार के हवाले करने के लिए पत्र भेजा है। लंबे अरसे से खाली पड़ा यह बंगला केंद्रीय पुल के तहत आता है और यदि केंद्र सरकार चाहे तो इसे दिल्ली सरकार को आवंटित किया जा सकता है।
बड़े बंगले की तलाश जारी
माना जा रहा है कि चूंकि इस बंगले में कोई रहता नहीं है लिहाजा सिसोदिया को यह बंगला मिल सकता है। वे फिलहाल मयूर विहार में रहते हैं। यह भी बताया गया है कि वे अपना दफ्तर मयूर विहार में ही रखेंगे लेकिन उनकी रिहाइश नई दिल्ली इलाके में होगी। उनके मौजूदा घर पर लगातार बढ़ रही भीड़ के मद्देनजर उनके लिए बड़े बंगले की तलाश की जा रही है।
शीला के लिए शुभ रहा है यह बंगला
आपको बता दें कि सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित वर्ष 1998 में जब पहली बार दिल्ली मुख्यमंत्री चुनी गई तो उन्हें यह बंगला आवंटित किया गया था और ऐसा माना जाता है कि दिल्ली पर 15 साल तक अपनी हुकूमत चलाने वाली दीक्षित के लिए यह बंगला शुभ साबित हुआ। इतना ही नहीं, जब उन्होंने दूसरा मकान लिया था तब तरह-तरह के कयास भी लगाए गए थे, हालांकि दीक्षित का विजय अभियान बंगला बदलने से नहीं रुका था।
अब और तब में काफी अंतर
आम आदमी पार्टी (आप) की दिल्ली में जब 49 दिनों की पहली सरकार बनी थी तो सिसोदिया सहित तमाम मंत्रियों ने यह कहा था कि वे वीआइपी कल्चर को खत्म करेंगे। न उन्हें गाड़ी की जरूरत थी और न ही बंगले की, लेकिन बाद में उनको महसूस हुआ कि सरकार चलाने के क्रम में बंगला विलासिता नहीं जरूरत है और शायद यही वजह है कि इस बार आप के नेता चाहे वे खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हों या सिसोदिया, सबसे यह पहले ही कह दिया कि वे गाड़ी भी लेंगे और बंगला भी लेंगे।
सिसोदिया के कंधों पर अधिक जिम्मेदारी
एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि दिल्ली के नए मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने पास कोई भी विभाग नहीं रखा है और एक प्रकार से सरकार की सारी जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के ही कंधों पर है। ऐसे में उन्हें एक बड़ा बंगला जरूर चाहिए और सरकार उनके बंगले की खोज में जुट गई है।मथुरा रोड स्थित इसी बंगले को मनीष सिसोदिया को किया जा सकता है आवंटित।