हिंसा की आग में झुलसा मणिपुर, आठ मरे
सोमवार देर रात शुरू हुई मणिपुर हिंसा में मंगलवार को भी तीन और लोगों की जान चली गईं। इनकी मौत चूड़चंदपुर थाने पर हमला कर रही भीड़ पर पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में चलाई गई गोलियों से हुई। बाद में उपद्रवियों ने चूड़चंदपुर थाने में आग लगा दी। सोमवार को प्रदेश
इंफाल। सोमवार देर रात शुरू हुई मणिपुर हिंसा में मंगलवार को भी तीन और लोगों की जान चली गईं। इनकी मौत चूड़चंदपुर थाने पर हमला कर रही भीड़ पर पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में चलाई गई गोलियों से हुई। बाद में उपद्रवियों ने चूड़चंदपुर थाने में आग लगा दी। सोमवार को प्रदेश विधानसभा में तीन विधेयकों के पारित होने के बाद चूड़चंदपुर जिले में अचानक भड़की हिंसा में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 31 घायल हैं। प्रदेश में तनावपूर्ण हालात को देखते हुए चूड़चंदपुर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह को फोन कर हालात का जायजा लिया और स्थिति काबू में करने के लिए उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
चूड़चंदपुर के पुलिस प्रमुख एल मंगखोगिन हाउकिप ने बताया, 'जिन तीन लोगों की मंगलवार को मौत हुई है, वे उपद्रवी भीड़ का हिस्सा थे। ङ्क्षहसक भीड़ ने जब पुलिस थाने में आग लगाई, तब आत्मरक्षा में चलाई गईं गोलियों से उन तीनों की मौत हुई है। मृतकों में एक दस वर्षीय लड़का भी शामिल है।'
उन्होंने कहा कि सोमवार देर रात चूड़चंदपुर में तीन शव, जबकि हेंगलप से विधायक मंगा वेईफेई के आवास के मलबे से एक जला हुआ शव बरामद किया गया था। इसके अलावा पुलिस ने एक और मृतक का शव बरामद करने का दावा किया है। सोमवार को ङ्क्षहसक भीड़ ने सूबे के एक मंत्री, एक सांसद और पांच विधायकों के घरों में आग लगा दी थी।
मणिपुर के मूल लोगों के संरक्षण के लिए तीन विधेयक पारित होने के कुछ घंटे बाद यह ङ्क्षहसा भड़की थी। विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों में प्रदेश के लोगों का संरक्षण विधेयक 2015, मणिपुर भूमि राजस्व और भू सुधार (सातवां संशोधन) विधेयक 2015 और मणिपुर दुकान व प्रतिष्ठान (दूसरा संशोधन) विधेयक 2015 शामिल हैं।
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'मणिपुर में बेहद तनावपूर्ण स्थिति है। हम हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं। राज्य सरकार कहेगी तो हम सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकडिय़ां वहां भेजेंगे।' -किरण रिजिजू, गृह राज्यमंत्री