ममता ने साधा भाजपा पर निशाना, देश में हो रही हिंदू-मुस्लिम की राजनीति
चुनाव के बाद पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वह अध्यक्ष नहीं बनना चाहती थी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। तृणमूल कांग्रेस के जन्म के समय से ही पार्टी प्रमुख रहीं ममता बनर्जी शुक्रवार को एक बार फिर सांगठनिक चुनाव में निर्विरोध पार्टी प्रमुख निर्वाचित हुईं। सांगठनिक चुनाव के बाद तृणमूल नेता मुकुल रॉय ने 10 से अधिक राज्यों के करीब पांच हजार तृणमूल नेता व कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में ममता के चेयरपर्सन निर्वाचित होने की घोषणा की। इसके साथ ही अन्य पदों के लिए भी नामों की घोषणा की गई।
तृणमूल की नई कार्यकारिणी कमेटी भी गठित की गई है। चुनाव के बाद पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वह अध्यक्ष नहीं बनना चाहती थी। वह कार्यकर्ता ही रहना चाहती हैं। क्योंकि, पार्टी में सबसे अहम कार्यकर्ता होते हैं। इसके बाद उन्होंने 2018 में होने वाले पंचायत चुनाव व 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से तैयारी शुरू करने के संकेत दिए। उन्होंने सांगठनिक चुनाव के मंच से सिर्फ भाजपा व केंद्र सरकार पर जमकर हल्ला बोला।
करीब 50 मिनट दिए अपने भाषण में ममता ने सिर्फ एक बार माकपा का नाम लिया, जबिक पूरे भाषण में वो सिर्फ भाजपा व केंद्र सरकार पर ही निशाना साधती रहीं। उन्होंने कहा कि दंगाई दल के लिए देश नहीं है वह सिर्फ राजनीति के लिए हिंदू-मुस्लिम कर रही है। ममता ने रामनवमी व हनुमान जयंती पर शस्त्र जुलूस को लेकर भी निशाना साधा। साथ ही पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को स्पष्ट कहा कि राज्य, जिला, ब्लॉक से लेकर बूथ स्तर तक भगवाधारियों पर नजर रखें। उनकी हर गतिविधि की सूचना पार्टी नेतृत्व को दें।
उन्होंने यहां तक कह दिया कि किसी की बात यदि जिले या फिर राज्यस्तरीय नेता नहीं मानते हैं तो भाजपा, संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंगदल से जुड़ी सूचनाएं उनके आवास पर एक सादा कागज में लिखकर पहुंचा दें। उन्होंने भाषण के अंत में नारा भी लगाया कि जो हम से टकराएगा चूर-चूर हो जाएगा।
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