गांधी हत्याकांड की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आदेश
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने यह आदेश सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त हुई एक अर्जी पर दिया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने महात्मा गांधी हत्याकांड की जांच करने वाले जेएल कपूर आयोग की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को दिया है। कहा जाता है कि इस रिपोर्ट में वीर सावरकर और उनके साथियों को साजिश में शामिल होने का संकेत दिया गया है। आयोग ने पीएमओ को यह भी निर्देश दिया है कि वह नेताजी सुभाषचंद्र बोस की फाइलों की तरह महात्मा गांधी से जुड़ी जानकारियों को भी गोपनीयता के दायरे से बाहर करके उन्हें एक अभिलेखागार में रखे।
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने यह आदेश सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त हुई एक अर्जी पर दिया है। अर्जी में 30 जनवरी, 1948 को हुई महात्मा गांधी की हत्या से संबंधित दस्तावेज मांगे गए थे। आयोग ने अर्जी को पीएमओ भेजे जाने के निर्देश दिए हैं ताकि अपेक्षित जानकारी याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराई जा सके। गांधीजी की हत्या के बाद तत्कालीन केंद्र सरकार ने जस्टिस जेएल कपूर की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग का गठन किया और उसे हत्याकांड से जुड़े तथ्यों की जांच के लिए कहा था।
सूचना आयुक्त ने कहा है कि इतिहास से जुड़े तथ्यों को सार्वजनिक करने से पारदर्शिता बढ़ेगी। इससे लोगों की गलत बातों पर विश्वास करने की आदत भी कमजोर पड़ेगी। इससे वर्तमान और आने वाली पीढि़यों को ज्यादा जानने और समझने का मौका मिलेगा। आयोग ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेताजी से संबंधित जानकारियों को सार्वजनिक करने को एक उल्लेखनीय कदम बताया।
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