'मन की बात' पर रोक के लिए महागठबंधन का प्रतिनिधिमंडल EC से मिला
हर रविवार देश के कोने-कोने में प्रसारित होने वाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम मन की बात हो सकता है अगले रविवार प्रसारित न हो सके। इसी रविवार नहीं बल्कि आने वाले कई रविवार तक इस कार्यक्रम पर प्रतिबंध लग सकता है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम मन की बात हो सकता है बिहार में चुनाव समाप्त होने तक प्रसारित न हो। ऐसा हो सकता है अगर चुनाव आयोग महागठबंधन की मांग मान ले। इस मांग को लेकर चुनाव आयोग से मिलने के बाद कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बिहार चुनाव को लेकर आचार संहिता के मद्देनजर हमने चुनाव आयोग से मिलकर पीएम मोदी का कार्यक्रम मन की बात पर रोक लगाने की मांग की है। इसके लिए हमने आयोग को ज्ञापन सौंपा है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल राजद के मनोज कुमार झा ने कहा कि चुनाव आयोग से हमारी बात ध्यान से सुनी, हमें पूरी उम्मीद है कि आयोग हमारी मांग को लेकर उचित फैसला करेगा।
गौरतलब है कि बिहार चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में शामिल हुए सभी दलों को अब मोदी की मन की बात रास नहीं आ रही है। कांग्रेस समेत जेडीयू, राजद व अन्य दलों का मानना है कि बिहार चुनाव के दौरान पीएम मोदी का मन की बात कार्यक्रम आचार संहिता का उल्लंघन है। इस आधार पर कांग्रेस चाहती है कि बिहार चुनाव खत्म होने तक चुनाव आयोग मन की बात कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगा दे।
कांग्रेस पार्टी के कानूनी सेल प्रमुख केसी मित्तल ने कहा था कि मन की बात पर प्रतिबंध को लेकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल आज दिन में ढाई बजे चुनाव आयोग से मुलाकात करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मन की बात का कोई अर्थ नहीं है.. यह सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग है, इसकी अनुमति नहीं होनी चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में केसी मित्तल, राएस सुरजेवाला, केसी त्यागी, पवन वर्मा और मनोज झा शामिल थे।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने भी पीएम के मन की बात पर अपनी भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री अपने कार्यालय व सार्वजनिक प्रसारण का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसे रोकने के लिए कांग्रेस और गठबंधन के सहयोगी केवल आपत्ति ही नहीं जताएंगे बल्कि इसे रोकने के लिए चुनाव आयोग के हस्तक्षेप की भी मांग करेंगे।
कांग्रेस ही नहीं जेडीयू और आरजेडी भी यही चाहते हैं कि बिहार चुनाव के खत्म होने तक प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण न हो। तीनों दलों ने अपनी मांग को रखने के लिए चुनाव आयोग से वक्त मांगा था। बताते चलें कि बिहार में 12 अक्टूबर से चुनाव शूरु होकर 5 नवंबर को समाप्त होगा। बिहार में चुनाव आचार संहिता कुछ दिन पहले से ही लागू कर दी गई है।