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मप्र की मंत्री ने मांगी घरों में शेर पालने की इजाजत

मध्य प्रदेश की पशुधन, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कुसुम मेहदेले ने देश में शेर और बाघ की संख्या बढ़ाने के लिए एक नायाब सुझाव दिया है। इसके लिए वह अन्य घरेलू जानवरों की तरह इन दोनों खूंखार जानवरों का पालन करने की इजाजत चाहती हैं।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2015 07:37 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2015 06:19 AM (IST)
मप्र की मंत्री ने मांगी घरों में शेर पालने की इजाजत

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की पशुधन, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कुसुम मेहदेले ने देश में शेर और बाघ की संख्या बढ़ाने के लिए एक नायाब सुझाव दिया है। इसके लिए वह अन्य घरेलू जानवरों की तरह इन दोनों खूंखार जानवरों का पालन करने की इजाजत चाहती हैं। उन्होंने इस बारे में कानून बनाने की वकालत की है।

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बकौल कुसुम, 'ऐसा कानून बने, जो लोगों को शेर और बाघ पालने की मंजूरी दे। इससे इन जानवरों को बेहतर संरक्षण संभव होगा।' कुसुम मेहदेले ने इससे संबंधित एक प्रस्ताव राज्य के वन विभाग को भेजा है। उन्होंने कुछ अफ्रीकी और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे थाइलैंड आदि का हवाला दिया है, जहां इस जानवर की जनसंख्या बढ़ाने के लिए यह कानूनन वैध है।

अपने प्रस्ताव में मेहदेले ने कहा है कि बाघों के संरक्षण के लिए देशभर में कई योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, बावजूद इसके इस जानवर की संख्या में कोई अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज नहीं हुई है।

मंत्री के सुझाव पर मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक नरेंद्र कुमार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) से उनकी प्रतिक्रियाएं मांगी हैं। भोपाल स्थित आरटीआइ कार्यकर्ता अजय दुबे द्वारा मांगी गई जानकारी से उपरोक्त सच्चाई उजागर हुई।


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