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दुनिया की सबसे लंबी और खतरनाक दौड़

यह दस, बीस नहीं हजार किमी की दौड़ है। दस दिन और हजार किमी से ज्यादा के सफर के बाद बनता है कोई इस दौड़ का विजेता। चौंकिए मत! हम किसी हॉलीवुड फिल्म की बात नहीं कर रहे हैं। अर्ध जंगली घोड़ों पर सवार होकर मंगोल डर्बी के नाम से मंगोलिया में होने वाली यह दौड़ उत्तरजीविता का शानदार उदाहरण ह

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 04:53 PM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 07:53 AM (IST)
दुनिया की सबसे लंबी और खतरनाक दौड़

नई दिल्ली। यह दस, बीस नहीं हजार किमी की दौड़ है। दस दिन और हजार किमी से ज्यादा के सफर के बाद बनता है कोई इस दौड़ का विजेता।

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चौंकिए मत! हम किसी हॉलीवुड फिल्म की बात नहीं कर रहे हैं। अर्ध जंगली घोड़ों पर सवार होकर मंगोल डर्बी के नाम से मंगोलिया में होने वाली यह दौड़ उत्तरजीविता का शानदार उदाहरण है। यह दौड़ मंगोल शासक गेंगिस खान के दौर में घोड़े के जरिए डाक भेजने की प्रथा की याद में आयोजित की जाती है। 1224 में खान ने घोड़ों के जरिए डाक की यह प्रथा शुरू की थी।

इस प्रथा ने साम्राज्य विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साम्राज्य के उत्थान के दिनों में डाक को पूर्व छोर स्थित खारखोरिन से पश्चिमी छोर स्थित कैस्पियन सागर तक की करीब 6,800 किमी की दूरी को दो हफ्ते में तय करना होता था। रास्ते में घुड़सवार को करीब 160 किमी की दूरी तय करने के बाद नया घोड़ा उपलब्ध कराया जाता था। डाक की यह प्रथा 1949 तक कायम थी। 1949 में कब्जे के बाद सोवियत संघ ने गेंगिस खान की स्मृतियों को मिटाने के उद्देश्य से इस प्रथा को बंद कर दिया था।

दौड़ के खास पहलू

- 2009 से शुरू हुआ दौड़ का आयोजन

- घोड़े का किराया, चिकित्सा, जीपीएस, प्रशिक्षण आदि के लिए प्रतिभागी को देना होता है 14,000 डॉलर

- रास्ते में नहाने या शौच के लिए नहीं होती व्यवस्था

- अपनी और घोड़े की जिम्मेदारी प्रतिभागी पर

- जरूरी चीजों के साथ अधिकतम पांच किलो सामान ले जाने की अनुमति

- हर 40 किमी पर उपलब्ध कराए जाते हैं नए घोड़े

- पुराने घोड़े की चिकित्सकीय जांच के बाद ही मिलता है नया घोड़ा

- घोड़े को किसी तरह के नुकसान की स्थिति में लगता है जुर्माना

- स्थानीय घोड़ापालकों के लिए वार्षिक आमदनी का बेहतर जरिया है यह दौड़

- इस साल दौड़ में हुआ हजार से ज्यादा घोड़ों का इस्तेमाल

- ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, आइसलैंड, चीन और आयरलैंड समेत 16 देशों के प्रतिभागी हुए शामिल

- ऑस्ट्रेलिया की 40 वर्षीय सैम जॉन्स ने जीती दौड़

- सैम दौड़ जीतने वाली दूसरी महिला और पहली ऑस्ट्रेलियाई हैं

पढ़ें: मुझे ज्यादा दौड़ की जरूरत: बोल्ट


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