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उप्र में लोकायुक्त नियुक्ति की प्रक्रिया पर उठने लगे सवाल

लोकायुक्त नियुक्ति में सरकार द्वारा किए जा रहे बदलाव की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने सरकार द्वारा लोकायुक्त नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव और शिकायतकर्ता पर अंकुश लगाने के प्रयासों को तत्काल बंद करने की मांग की है।

By manoj yadavEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2015 09:35 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2015 09:38 PM (IST)
उप्र में लोकायुक्त नियुक्ति की प्रक्रिया पर उठने लगे सवाल

लखनऊ। लोकायुक्त नियुक्ति में सरकार द्वारा किए जा रहे बदलाव की प्रक्रिया को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने सरकार द्वारा लोकायुक्त नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव और शिकायतकर्ता पर अंकुश लगाने के प्रयासों को तत्काल बंद करने की मांग की है।

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मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजे पत्र में उन्होंने कहा कि वर्तमान में एक्ट की धारा तीन में लोकायुक्त की नियुक्ति हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और नेता विरोधी दल से परामर्श के बाद मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल को प्रस्तावित नाम के आधार पर की जाती है।

इसमें संशोधन करते हुए अब लोकायुक्त के चयन के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक चयन समिति प्रस्तावित है जिसमें चीफ जस्टिस नहीं होंगे बल्कि उनकी जगह विधान सभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री द्वारा नामित रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट जज होंगे।

इसी प्रकार धारा 13 में बदलाव करते हुए शिकायतकर्ता पर ही एक लाख रुपये का दंड लगाने का प्रस्ताव किया जा रहा है। नूतन ने कहा कि चीफ जस्टिस की जगह विधान सभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री द्वारा नामित रिटायर्ड जज को लाने से चयन प्रक्रिया किसी प्रकार से भी निष्पक्ष नहीं रह पाएगी।


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