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पूर्व रेल मंत्री एलएन मिश्र हत्याकांड मामले में फैसला अब 8 दिसंबर को

करीब 40 वर्ष पुराने पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र हत्याकांड मामले में सोमवार को कड़कड़डूमा अदालत ने फैसला टाल दिया। अब अदालत इस मामले में फैसला आठ दिसंबर को सुनाएगी।

By Sudhir JhaEdited By: Published: Mon, 10 Nov 2014 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 10 Nov 2014 03:01 PM (IST)
पूर्व रेल मंत्री एलएन मिश्र हत्याकांड मामले में फैसला अब 8 दिसंबर को

नई दिल्ली। करीब 40 वर्ष पुराने पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र हत्याकांड मामले में सोमवार को कड़कड़डूमा अदालत ने फैसला टाल दिया। अब अदालत इस मामले में फैसला आठ दिसंबर को सुनाएगी।

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इससे पहले जिला जज विनोद गोयल ने इसी वर्ष 12 सितंबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर 10 नवंबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने दोनों पक्षों को अपनी लिखित दलीलें देने के लिए एक सप्ताह का समय भी दिया था। सोमवार को मामले की सुनवाई भी हुई और फिर अगली तारीख आठ दिसंबर तय की गई।

घटना तारीखों में -

39 वर्ष पूर्व हुई थी ललित बाबू की हत्या

2 जनवरी 1975 को समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर बड़ी रेल लाइन के उद्घाटन के मौके पर हुए बम विस्फोट में जख्मी तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र की मौत अगले ही दिन 3 जनवरी को हो गई थी।

24 जनवरी 1975 को पटना के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आरोप पत्र दाखिल हुआ। चार साल यहां मामले की निरंतर सुनवाई हुई। फेयर ट्रायल की मांग पर 17 दिसंबर 1979 को सर्वोच्च न्यायालय ने मुकदमे की सुनवाई के लिए केस को दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित किया।

1981 में अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, दिल्ली की अदालत का दरवाजा खटखटाया गया। इस दौरान तीन अभियुक्तों राम कुमार, रामाश्रय व विनयानंद की अनुपस्थिति ने उन्हें फरार घोषित कर दिया।

अन्य अभियुक्त संतोषानंद, सुदेवानंद, गोपाल जी, रंजन द्विवेदी, विनयानंद, रामकुमार व रामाश्रय के भाग्य का फैसला होना है। मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के चार वकील भी स्वर्ग सिधार चुके हैं।

17 जज ने अब तक इस मामले की सुनवाई की है। 151 गवाहों की गवाही हो चुकी है। केस की फाइल दस
हजार पृष्ठों से अधिक की हो गई है। अभी इसकी सुनवाई कड़कड़डूमा अदालत में हो रही है।

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