जानिए, विवादित ढांचा विध्वंस मामले में SC के निर्णय पर क्या बोले नेता और धर्मगुरू
विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद विभिन्न दलों के नेताओं और धर्मगुरूओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। विवादित ढांचा विध्वंस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा है कि आडवाणी समेत 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चलेगा। न्यायाधीश पीसी घोष और न्यायाधीश रोहिंटन नरीमन की संयुक्त पीठ ने मामले में सीबीआई की अपील पर यह फैसला सुनाया है। फैसेल के बाद विभिन्न दलों के नेताओं और धर्मगुरूओं ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
प्रमोद तिवारी, कांग्रेस
भाजपा द्वारा कई प्रयास किए गए, ताकि न्याय ना मिल सके, लेकिन न्याय में देरी हो सकती है पर न्याय से बच नहीं सकते। जो भाजपा नेता इसमें दोषी हैं उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। अदालत ने जो कहा है उन्हें उसे भी स्वीकार करना चाहिए।
विनय कटियार, भाजपा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। राममंदिर निर्माण के लिए जेल भी जाना पड़े तो जाएंगे।
जफरयाब जिलानी, बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक
अदालत ने उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसके तहत सीबीआई ने उनके खिलाफ सभी आरोप हटा दिए थे। कोर्ट ने कहा है कि अब दोनों मामले साथ चलेंगे। इसलिए मामले फिर से शुरू होंगे और लखनऊ में चलेंगे। मामलों का मकसद उन लोगों को दंडित करना है, जिन्होंने या तो विवादित ढांचे को ध्वस्त कर दिया था या उस साजिश में शामिल थे। यह एक फौजदारी मामला है।
संबित पात्रा, प्रवक्ता, भाजपा
सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है, पार्टी उस फैसले का बारीकी से अध्ययन करेगी।
उमा भारती को लेकर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय
हम इस मामले पर चर्चा करेंगे, पर मुझे नहीं लगता है कि हमें अपने नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की जरूरत है।
याचिकाकर्ता महबूब हाजी के वकील शमशाद
उन तथ्यों को देख रहा हूं, जिसमें उन्हें कुछ लाभ दिए गए हैं। उन्हें कुछ संवैधानिक प्रतिरक्षा मिली है। यह अत्यंत आवश्यक था क्योंकि वहां दो मामले चल रहे थे। सीबीआई ने एक आरोप पत्र दाखिल किया था। तकनीकी कठिनाईयों के कारण पहले कोर्ट ने कहा था कि दो मामले चल सकते हैं। लेकिन अब यह जरूरी है कि मामले को एक साथ रखा जाना चाहिए, अब इसे एक साथ रखा गया है और मुझे आशा है कि अब यह मामला और तेजी से आगे बढ़ेगा।
खालिद राशिद फिरंगी महली, मुस्लिम धर्मगुरू
उम्मीद है कि जल्दी ही मामले में फैसला होगा। सुप्रीम कोर्ट की ऑब्जर्वेशन के बाद उम्मीद है कि दो सालों के भीतर अंतिम निर्णय आ जाएगा। लोगों को पता चलेगा कि इस विध्वंस में कौन शामिल थे। हम विध्वंस मामले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं। हम पिछले 25 साल से न्याय का इंतजार कर रहे हैं। लोगों ने भड़काऊ भाषण देकर राष्ट्रीय एकता के खिलाफ काम किया था।
शकील अहमद, कांग्रेस
यह एक संवेदनशील मामला है। कई लोगों ने इसमें अपनी जान गवाई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हम सभी चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले।
संजय राउत, शिवसेना
सरकार को चार्जशीट वापस लेनी चाहिए, एक हाथ से ऐसा और दूसरे से मंदिर बनाने की बात करते हैं।
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