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साक्षरता अभियान ने बढ़ाया इनका सम्मान

पंचायती राज व्यवस्था में मुखिया, वार्ड पार्षद व प्रमुख के पद पर हुईं काबिज..

By Srishti VermaEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 11:14 AM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 11:14 AM (IST)
साक्षरता अभियान ने बढ़ाया इनका सम्मान
साक्षरता अभियान ने बढ़ाया इनका सम्मान

पाकुड़ (ब्युरो)। पाकुड़ शिक्षा के क्षेत्र में सूबे का सबसे पिछड़ा जिला है। जिले में साक्षरता दर बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2012 में साक्षर भारत अभियान की शुरुआत हुई। महिलाओं को इस अभियान से जोड़ने और उन्हें साक्षर बनाने के लिए 128 लोकशिक्षा केंद्र खोले गए। एक केंद्र में दो प्रेरकों की बहाली भी की गई। शुरुआती दौर में साक्षर भारत अभियान से जुड़े पदाधिकारियों को काफी मेहनत करनी पड़ी। महिलाओं को जागरूक करने के लिए डोर-टु-डोर जाना पड़ा। असाक्षर महिलाओं ने लोकशिक्षा केंद्रों में पढ़ाई शुरू की। अब तक 40 फीसद
महिलाएं साक्षर हो चुकी हैं। शिक्षित होनेवाली अब दूसरी असाक्षर महिलाओं को साक्षर करने में जुटी हैं।

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सफलता के गाड़े झंडे
जिले के महेशपुर और पाकुड़िया प्रखंडों की कई महिलाएं पूर्णरूप से साक्षर होकर पंचायती राज व्यवस्था में मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य एवं प्रमुख के पद पर काबिज हैं। वे अब भी अपने पास-पड़ोस की दस असाक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने में जुटी हैं। महेशपुर प्रखंड की कानीझाड़ा पंचायत अंतर्गत इंगलिशपाड़ा गांव निवासी बेउला मालपहाड़िया इस समय मुखिया का दायित्व संभाल रही हैं। रामपुर गांव निवासी अर्जिदा बीबी वार्ड सदस्य हैं। इसी तरह मकदमपुर गांव निवासी जसमीना बीबी वार्ड सदस्य, साहेबनगर गांव की सुखी टुडू पंचायत समिति सदस्य, महेशपुर की बबीता पहाड़िन मुखिया, भिलाई गांव निवासी दुलाड़ हेम्ब्रम वार्ड सदस्य की कुर्सी पर काबिज हैं। पाकुड़िया प्रखंड के तालडीह गांव निवासी फूलमुनी मरांडी और बड़ा सापादाहा गांव निवासी सुशीला मरांडी वर्ष 2010 में हुए पंचायत चुनाव में वार्ड सदस्य के लिए चुनी गई थीं। सुशीला अभी पाकुड़िया प्रखंड प्रमुख हैं। पाकुड़िया निवासी सोनोका देवी भी इस समय वार्ड सदस्य हैं। ये सभी महिलाएं वर्ष 2013-14 तक असाक्षर थीं।

पंचायत प्रतिनिधियों का तैयार हो रहा प्रोफाइल
साक्षर बनकर पंचायती राज व्यवस्था में अपनी जगह पक्की करने वाली महिला पंचायत प्रतिनिधियों का प्रोफाइल तैयार किया जा रहा है। राज्य साक्षरता मिशन ऐसी तमाम महिलाओं का प्रोफाइल तैयार कर केंद्र को भेजेगा। महिलाओं को जागरूक करने में इन्हीं महिलाओं के प्रोफाइल का उपयोग होगा।

पंचायती राज में मुखिया, वार्ड पार्षद, पंस सदस्य बननेवाली प्रत्येक महिला 10-10 असाक्षर महिलाओं को साक्षर बनाने का काम कर रही हैं। इनका प्रोफाइल रांची भेजा जा रहा है। कृष्णा प्रमाणिक, जिला समन्वयक, साक्षर भारत अभियान, पाकुड

-गणेश पांडेय

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