सेवा, करुणा और त्याग की शिक्षा देता है भगवान बुद्ध का जीवन: पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अंतरराष्ट्रीय हिंदू-बौद्ध सम्मेलन में कहा कि यह खुशी की बात है कि सम्मेलन भारत में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को इस बात पर गर्व है कि इस धरती से गौतम बुद्ध ने दुनिया को बाैद्ध धर्म का सिद्धांत दिया।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अंतरराष्ट्रीय हिंदू-बौद्ध सम्मेलन में कहा कि यह खुशी की बात है कि सम्मेलन भारत में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को इस बात पर गर्व है कि इस धरती से गौतम बुद्ध ने दुनिया को बाैद्ध धर्म का सिद्धांत दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भगवान गौतम बुद्ध का जीवन हमें सेवा, करुणा और सबसे महत्वपूर्ण बात-त्याग की शक्ति का एहसास कराता है। उन्हाेंने आश्वस्त किया था कि धन सामग्री हमारा एकमात्र लक्ष्य नहीं है। बुद्ध ने बड़े भूभाग पर कब्जे की होड़ में असहिष्णु होकर निर्दोष लोगों के खिलाफ बर्बर हिंसा को समाज के लिए अस्वीकार्य बताया था।
पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन की चर्चा करते हुए कहा कि बौद्ध धर्म और पर्यावरण एक-दूसरे से नजदीक से जुड़े हुए हैं। एक बौद्ध के परिप्रेक्ष्य में किसी भी चीज का स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है। प्रकृति, वन, पेड़ और प्राणी भगवान बुद्ध की शिक्षाओं में समाहित हैं। व्यक्तिगत रूप से मुझे वेद के अध्ययन से यह शिक्षा मिली है कि मानव और प्रकृति के बीच एक मजबूत बंधन है।
पीएम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक चुनौती है मैंने इस विषय पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा लिखित पुस्तक पढ़ी है। इससे सबसे ज्यादा गरीब और पिछड़े तबके के लोग प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि सभी समस्याओं का हल बातचीत में निहित है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा बुद्ध ने दुनिया को शांति का संदेश दिया। भगवान बुद्ध के दिखाए रास्ते और विचारों पर चले बिना यह शताब्दी एशिया की शताब्दी नहीं बन सकती.। उन्होंने कहा कि यह शताब्दी एशिया के नाम रहने वाली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे गृहनगर वडनगर में चीनी के स्कॉलर दौरे पर गए थे। उन्होंने यहां के इतिहास की अपने पुस्तक में विस्तृत व्याख्या की है। उन्होंने बताया कि सरकार देश भर में स्थित बौद्ध धरोहरों के लिए हरसंभव मदद कर रही है।