पत्नी की हत्या कर लूट साबित करने को खुद को किया घायल, अब मिली ऐसी सजा
नगर क्षेत्र के अंतर्गत मोहल्ला गाड़ीघाट के अंतर्गत झूला बस्ती में जुलाई 2013 में हुए शमा हत्याकांड में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की धनंजय चतुर्वेदी की अदालत ने मृतका के पति व देवर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
कोटद्वार। नगर क्षेत्र के अंतर्गत मोहल्ला गाड़ीघाट के अंतर्गत झूला बस्ती में जुलाई 2013 में हुए शमा हत्याकांड में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की धनंजय चतुर्वेदी की अदालत ने मृतका के पति व देवर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 23 जुलाई 2013 को झूला बस्ती निवासी शमा परवीन (30 वर्ष) पत्नी सलीम का शव पुलिस ने उसके ही आवास के एक कमरे से बरामद किया।
दूसरे कमरे में सलीम घायल पड़ा था, जिसे पुलिस ने राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती करवाया। पेशे से मजदूरी करने वाले सलीम का कहना था कि लूट के इरादे से पांच लोग मध्य रात्रि उसके घर में घुसे व उससे पीट-पीट कर बेहोश कर दिया। इस हमलरे में उसकी पत्नी की भी मौत हो गई।
पुलिस ने सलीम के भाई नदीम की तहरीर पर अज्ञात के विरूद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया व जांच शुरू कर दी। पुलिस को जांच में कोई ऐसे सुराग नहीं मिले, जिनके आधार पर मामले को लूट से जोड़ कर देखा जाता।
अलबत्ता, जांच के दौरान सुनियोजित तरीके से शमा परवीन की हत्या की बात सामने आई। इस कार्य में उसके भाई शाकिर ने भी मदद की। पुलिस ने हत्या के इस मामले में मृतका के पति सलीम पुत्र सागीर व उसके भाई शाकिर को गिरफ्तार कर लिया। तब पुलिस को सलीम ने बताया था कि शमा उस पर शक करती थी। इससे अजीज आकर उसने हत्या की साजिश रची।
मामले की सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चल रही थी। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता नसीम बेग ने बताया कि साक्ष्यों के आधार पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी ने सलीम व साकिर को शमा परवीन की हत्या के मामले में दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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