सामान्य सेवा केंद्रों के जरिये दी जाएगी कानूनी सहायता
जब भी कोई जरूरतमंद उनसे संपर्क करेगा, वह जिला स्तर पर मौजूद कानूनी विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करके वह उसकी सहायता करेंगे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। देश के ग्रामीण इलाकों में अब सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) के जरिये कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसका ध्येय गरीबों को मुफ्त में कानूनी सहायता मुहैया कराना है। अभी तक यह सुविधा नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी के माध्यम से प्रदान की जा रही थी।
यह संस्था सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में काम करती है। सीएससी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिनेश त्यागी का कहना है कि जून से 18 सौ सेवा केंद्रों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सेवा शुरू होगी। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि उप्र व बिहार के पांच-पांच सौ गांवों में इसे शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही उत्तर पूर्व के राज्यों के साथ जम्मू-कश्मीर के आठ सौ गांवों में यह सुविधा मिलेगी।
यह भी पढ़ें: कांग्रेस ने बछड़ा काटने के दोषी युवा संगठन के कार्यकर्ताओं को निकाला
इसके लिए सेवा केंद्रों में काम करने वाले स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्वयं सेवकों को इसकी बारीकियों से अवगत कराया जाएगा। जब भी कोई जरूरतमंद उनसे संपर्क करेगा, वह जिला स्तर पर मौजूद कानूनी विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करके वह उसकी सहायता करेंगे। प्रसाद ने बताया कि देश में 2.5 लाख सेवा केंद्र हैं जो 1.75 लाख पंचायतों को कवर करते हैं।
यह भी पढ़ें: जीएसटी से आर्थिक क्षेत्र में आएंगे बदलाव : सुब्रमण्यम
यहां के स्टाफ को गुड्स व सर्विस टैक्स रिटर्न भरने के साथ जीएसटी के लिए भी प्रशिक्षण मिलेगा। उनका कहना है कि यह प्रशिक्षण 15 जून तक पूरा हो जाएगा और एक जुलाई से जीएसटी को लेकर सेवा केंद्रों पर कामकाज शुरू हो जाएगा।