मणिपुर में खोई जमीन हासिल करने में लगी वाम दल
मणिपुर विधानसभा चुनाव के जरिए वाम दल एक बार फिर से राज्य में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं।
मणिपुर (पीटीआई)। लंबे समय से मणिपुर की राजनीति से दूर हो चुकी भाकपा और सीपीआइएम एक बार फिर से राज्य में अपनी खोई जमीन हासिल करने चली है। इस विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अपने 50 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
दिग्गज वामपंथी नेता हिजम इराबोट सिंह के अधिन मणिपुर में वाम आंदोलन का लंबा इतिहास रहा है। जिन्हें आमतौर पर जननेता हिजाम के नाम से भी जाना जाता था, लेकिन अब राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए वाम दल मुश्किल लड़ाई लड़ रही है।
भाकपा और सीपीआइएम ने अन्य धर्मनिरपेक्ष और समान विचारधारा वाली पार्टियों की तरह मिलकर एक मोर्चे का गठन किया है जिसका नाम वाम और लोकतांत्रिक मोर्चा है। इसका भी नेशनल पीपुल्स पार्टी के साथ समायोजन है। ये सभी मणिपुर विधानसभा की 50 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
भाकपा के राज्य सचिव और एलडीएफ के संयोजक एम नारा सिंह का कहना है, 'एक बार हम राज्य में बहुत बड़ी शक्ति के रूप में काबिज थे। हमारे पास सीटों की अच्छी संख्या थी और राज्य सरकार के गठन में हमने निर्णाय भूमिका निभाई थी। लेकिन अब ये सभी अतीत की बात हैं। हम अन्य धर्मनिरपेक्ष और समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर एक बार फिर से राज्य में अपनी जमीन तैयार कर रहे हैं।'
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