Move to Jagran APP

बिहार सरकार के वकील ने सुशील मोदी को दी चेतावनी

गोपाल सिंह ने मोदी से कहा है कि अगर उन्होंने यही रवैया जारी रखा तो वे उनके (सुशील मोदी) खिलाफ न्यायालय की अवमानना और आपराधिक मानहानि का मुकदमा करेंगे।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 20 Oct 2016 10:04 PM (IST)Updated: Fri, 21 Oct 2016 02:33 AM (IST)
बिहार सरकार के वकील ने सुशील मोदी को दी चेतावनी

माला दीक्षित, नई दिल्ली। शहाबुद्दीन और राजबल्लभ यादव की जमानत का विरोध करने के लिए सुप्रीमकोर्ट मे बिहार सरकार की ओर से कमजोर वकील पेश किये जाने के भाजपा नेता सुशील मोदी के बयान पर बिहार सरकार के वकील गोपाल सिंह ने गहरी आपत्ति जताते हुए उन्हें चेतावनी दी है। सुप्रीमकोर्ट मे बिहार सरकार के स्टैंडिग कउंसिल (सरकार के वकील) गोपाल सिंह ने सुशील मोदी के नाम खुला पत्र जारी करते हुए कहा है कि उनका बयान न सिर्फ सुप्रीमकोर्ट की अवमानना करने वाला है बल्कि उनकी (गोपाल सिंह)छवि को भी खराब करता है। गोपाल सिंह ने मोदी से कहा है कि अगर उन्होंने यही रवैया जारी रखा तो वे उनके (सुशील मोदी) खिलाफ न्यायालय की अवमानना और आपराधिक मानहानि का मुकदमा करेंगे।

prime article banner

गोपाल सिंह ने अपनी चिट्ठी में सुशील मोदी को लिखा है कि वे बिहार में विपक्ष के भाजपा के नेता हैं और कानून पढ़े हैं। उनसे उम्मीद की जाती है कि उन्हें कानून और न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी होगी। गोपाल सिंह ने मोदी से कहा है कि मीडिया में आये उनके हालिया बयान का मतलब निकलता है कि जो न्यायाधीश सुनवाई कर रहे हैं वे मामले की मेरिट और की गई बहस देख कर नहीं बल्कि बहस कर रहे वकील की प्रसिद्धी और वरिष्ठता देख कर आदेश देते हैं या आदेश नहीं देते हैं। ये बयान माननीय न्यायाधीशों की मंशा पर सवाल उठाता है जो कि अवमाननापूर्ण है। आपने सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना की है।

सिंह ने कहा है कि आपका पद और स्थिति ऐसी है कि लोग आप पर भरोसा करते हैं ऐसे में आपका दायित्व बनता है कि आप बयान जारी करने में शब्द चयन की सावधानी रखें। आपने मुझे एक कमजोर वकील कहा है न कि मजबूत वकील। आपने सरकार के साथ अपनी राजनैतिक टसल के चलते जानबूझकर मेरे खिलाफ इन शब्दों का प्रयोग किया जिससे लोगों के मन में मेरी छवि खराब हुई। इससे मेरी पारिवारिक और पेशेगत छवि को धक्का लगा है। गोपाल सिंह ने कहा है कि मै बताना चाहता हूं कि मै दिल्ली बार काउंसिल में 1982 से पंजीकृत हूं और वकालत कर रहा हूं। 1987 से सुप्रीमकोर्ट में एडवोकेट आन रिकार्ड हूं और इस समय सुप्रीमकोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन का अध्यक्ष हूं। 1985-86 से त्रिपुरा राज्य का वकील हूं। इसके अलावा 2005 से बिहार सरकार का सुप्रीमकोर्ट में स्टैंडिंग काउंसिल हूं। आपको इस बात की अच्छी तरह से जानकारी भी होगी क्योंकि आप उस समय सरकार का हिस्सा थे।

गोपाल सिंह ने मै अपने मुवक्किलों को शिकायत का कोई मौका नहीं देता। आपको मेरी पेशेगत काबिलियत आंकने और उस पर टिप्पणी करने का अधिकार किसने दिया। राजबल्लभ और शहाबुद्दीन एकमात्र केस नहीं है जिस पर मैने सुप्रीमकोर्ट में बहस की हो। मेरी पेशेगत काबिलियत सिर्फ मेरे मुवक्किल आंक सकते हैं और कोई नहीं। आप सरकार पर तंज कर सकते हैं लेकिन आपको सलाह है कि आप मेरे बारे में ऐसी टिप्पणियां न करें। मै आपको संस्था या मुझे बदनाम करने की इजाजत नहीं दूंगा। अगर आप ये गैरजिम्मेदाराना आचरण जारी रखा तो मै बिना किसी और सूचना के आपके खिलाफ न्यायालय की अवमानना और आपराधिक मानहानि का मुकदमा करूं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.