लखनऊ : पुलिस और शिया प्रदर्शनकारी भिड़े, बुजुर्ग की मौत, कई जख्मी
शिया समुदाय से जुड़ी वक्फ संपत्तियों पर कब्जे और वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन के खिलाफ जांच की मांग कर रहे शिया समुदाय के एक धड़े का आक्रोश शुक्रवार को फूट पड़ा। जुमे की नमाज के बाद शिया नेता मौलाना कल्बे जवाद के नेतृत्व में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कैबिनेट मंत्री आजम खां का आवास घेरने जा रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने चार बार लाठीचार्ज किया।
लखनऊ। शिया समुदाय से जुड़ी वक्फ संपत्तियों पर कब्जे और वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन के खिलाफ जांच की मांग कर रहे शिया समुदाय के एक धड़े का आक्रोश शुक्रवार को फूट पड़ा। जुमे की नमाज के बाद शिया नेता मौलाना कल्बे जवाद के नेतृत्व में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कैबिनेट मंत्री आजम खां का आवास घेरने जा रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने चार बार लाठीचार्ज किया। इसमें मौलाना कल्बे जवाद सहित कई नेता व प्रदर्शनकारी घायल हुए। एक घायल बुजुर्ग कर्रार हुसैन की मौत हो गई जिससे तनाव और बढ़ गया। हालांकि प्रशासन इसे हार्ट अटैक से हुई मौत कहकर पल्ला झाड़ रहा है लेकिन परिजनों का कहना है कि सिर पर लाठी से वार होने के कारण मौत हुई। संघर्ष के दौरान प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस को दौड़ा- दौड़ा कर पीटा। देर शाम कल्बे जवाद सहित करीब दो दर्जन लोगों की गिरफ्तारी के बाद बवाल थम गया है, लेकिन तनाव बरकरार है। शिया समुदाय का एक धड़ा काफी समय से भंग चल रहे शिया वक्फ बोर्ड का पुनर्गठन करने और पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ जांच कराने की मांग कर रहा है। समुदाय के लोगों का आरोप है कि आजम खां पूर्व चेयरमैन वसीम को बचा रहे हैं। शुक्त्रवार को आसिफी इमामबाड़े में अलविदा की नमाज के बाद कल्बे जवाद ने घेराव का एलान किया और करीब दो हजार समर्थकों के साथ निकल पड़े। प्रदर्शनकारी शहीद स्मारक तक पहुंचे थे कि पहले से तैनात पुलिस ने बेरीकेडिंग कर उन्हें रोक लिया। प्रदर्शनकारी आजम के विक्त्रमादित्य मार्ग और मुख्यमंत्री के कालीदास मार्ग स्थित आवास की ओर बढऩे पर आमादा थे। यहां करीब ढाई बजे कुछ प्रदर्शनकारियों ने बेरीकेडिंग तोड़कर आगे बढऩे का प्रयास किया तो पुलिस ने लाठियां भांजनी शुरू कर दीं। शहीद स्मारक से डालीगंज पुल तक फैले प्रदर्शनकारियों ने भी पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान डालीगंज पुल पर भगदड़ मच गई। लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारी छितरा गए। कल्बे जवाद के नेतृत्व में करीब 50 प्रदर्शनकारी वहीं डटकर आंदोलनकारियों को संबोधित करने लगे। कुछ ही देर में अफरातफरी मच गई। प्रदर्शनकारियों का एक गुट विक्त्रमादित्य मार्ग पहुंच गया जहां उसे खदेड़ दिया गया। थोड़ी देर में कालीदास मार्ग पहुंचे एक अन्य गुट पर लाठीचार्ज हुआ। इस समय तक प्रदर्शनकारी कई समूहों में बंट गए थे। करीब साढ़े तीन बजे शहीद स्मारक पर सूचना पहुंची कि घायल प्रदर्शनकारी कर्रार हुसैन की मौत हो गई है जिससे तनाव बढ़ गया। शहीद स्मारक के पास एक बार फिर जबर्दस्त लाठीचार्ज और पथराव हुआ। कई पुलिस वालों को भी चोटें आई हैं। प्रदर्शनकारियों करीब आधा दर्जन वाहनों को अलग-अलग स्थानों पर आग लगा दी। आक्त्रोशित लोग ट्रामा सेंटर के पास जमा होने लगी। इस बीच गिरफ्तारी पड़े कल्बे जवाद सहित दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले जाया गया। देर रात तक तनाव बना था।
आजम खां काफिर है : कल्बे जव्वादशिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने इस लाठीचार्ज की निंदा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश का वक्फ मंत्री आजम खां मुसलमान नहीं काफिर है। ऐसे लोगों को मंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि पाक रमजान माह में भूखे-प्यासे लोगों पर लाठीचार्ज का आदेश देकर आजम खां ने साबित कर दिया है कि वो मुसलमान के नाम पर कलंक है। भूखे-प्यासे तथा बच्चों के साथ बुजुर्गो पर लाठी चलवाकर आजम ने साबित कर दिया है कि प्रदेश में फिर से अंग्रेजों की हुकुमत चल रही है। जिस तरह से मौलवियों के साथ खराब बर्ताव किया गया है वो बर्दाश्त के बाहर है।
सैकड़ों ने दिया सपा से इस्तीफा
लाठीचार्ज के विरोध में सियासत भी गर्मा गई है। शिया समुदाय के सैकड़ों लोगों ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन लोगों ने कहा कि मंत्री आजम खां एक दोषी को बचाने के चक्कर में हजारों मुसलमानों का खून बहता हुआ देखना चाहते हैं। यह सब अब खुद को जेल भेजने की जिद पर अड़े हैं।
क्या है मामला
शिया वक्फ बोर्ड में लंबे समय चुनाव की मांग को लेकर शिया वक्फ बोर्ड के लोग मंत्री आजम खां से मिले थे। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी को इसके कारण पद छोडऩे पर मजबूर होना पड़ा। मौलाना लम्बे समय से शिया वक्फ बोर्ड के पुनर्गठन की मांग कर रहे थे। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी, इसी कारण आज मंत्री आवास घेरने का ऐलान किया गया।