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500 अौर 1000 के पुराने नोट बदलने RBI के सामने लगी लंबी कतार

बैंकिंग सूत्रों की मानें तो संभवत: अप्रैल के पहले पखवाड़े में केंद्रीय बैंक की तरफ से वापस आये नोटों की जानकारी दी जा सकती है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Thu, 30 Mar 2017 08:41 PM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2017 11:53 AM (IST)
500 अौर 1000 के पुराने नोट बदलने RBI के सामने लगी लंबी कतार
500 अौर 1000 के पुराने नोट बदलने RBI के सामने लगी लंबी कतार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नोटबंदी के वक्त विदेशों में रहे भारतीयों के लिए सशर्त नोट बदलने का आज अंतिम मौका है। इसके लिए दिल्ली स्थित भारतीय रिजर्व बैंक के सामने काफी संख्या में लोग लाइन में लगे हैं।

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इसके बाद भी किसी के पास पुराने नोट होंगे तो उनके लिए अब सुप्रीम कोर्ट ही अंतिम सहारा होगा। सुप्रीम कोर्ट में तकरीबन दस ऐसे मामले दायर हैं जिनमें नोट बदलने के लिए और अवधि मांगी गई है। अगले महीने की 11 तारीख को इस पर सुनवाई होगी।

लेकिन अब सबसे अहम सवाल यह है कि क्या केंद्रीय बैंक बाजार से वापस आये प्रतिबंधित नोटों का आंकड़ा सार्वजनिक करेगा। आरबीआइ अगले पखवाड़े इसकी जानकारी नहीं दे पाता है तो इससे उसकी साख को लेकर नए सिरे से सवाल उठने शुरु हो सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने आधिकारिक तौर पर 14 दिसंबर, 2016 के बाद वापस लौटे नोटों या बाजार में प्रचलन में गये नोटों का आंकड़ा देना बंद कर चुका है। जबकि दुनिया का हर केंद्रीय बैंक साप्ताहिक या पखवाड़े स्तर पर बाजार में प्रचलन में गये नोटों की जानकारी देते हैं। आरबीआइ भी अभी तक यह करता रहा है।

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वैसे नोटबंदी लागू होने के बाद से अभी तक आरबीआइ ने जिस तरह से नोटबंदी से जुड़े मामलों का प्रबंधन किया है उससे उसके कार्यकलाप को लेकर काफी सवाल उठाये गये हैं। नोटबंदी से जुड़े नियमों में दो महीने तक तकरीबन रोजाना बदलाव करने से लेकर आरबीआइ के कार्यालय पर नोट बदलने वालों की भीड़ प्रबंधन तक के मामले में केंद्रीय बैंक की कमियां उजागर हुई हैं। बैंकिंग सूत्रों की मानें तो संभवत: अप्रैल के पहले पखवाड़े में केंद्रीय बैंक की तरफ से वापस आये नोटों की जानकारी दी जा सकती है। इसके पीछे एक वजह यह बताई जा रही है कि संसदीय समिति ने फिर से आरबीआइ गवर्नर उर्जित पटेल को पेश होने की नोटिस दी है। आरबीआइ गवर्नर से संभवत: 20 अप्रैल को संसदीय समिति के सदस्य पूछताछ करेंगे और वे 08 नवंबर, 2016 को नोटबंदी लागू होने के बाद से अभी तक वापस आये नोटों का ब्यौरा मांगेगे।

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पिछली बार भी वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी मांगी थी लेकिन पटेल ने जवाब नहीं दिया था। इस पर समिति के कई सांसदों ने नाराजगी भी जताई थी। विशेषज्ञों ने पुराने आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया है कि जनवरी के अंत तक आरबीआइ के पास प्रतिबंधित नोट का 97 फीसद हिस्सा वापस आ चुका है। बहरहाल, शुक्रवार को नोटबंदी का एक अहम अध्याय खत्म हो जाएगा। 08 नवंबर को लागू नोटबंदी के बाद 30 दिसंबर, 2016 तक सभी को पुराने नोट वापस करने का मौका दिया गया था। उसके बाद पुराने नोट वापस करने के लिए आरबीआइ के पांच कार्यालयों को नामित किया गया लेकिन इसके साथ कड़ी शर्त भी लगा दी गई। नोटबंदी के दौरान (8 नवंबर से 30 दिसंबर) जो भारतीय विदेश गये थे उन्हें 31 मार्च, 2017 तक इन केंद्रों पर नोट बदलने की की छूट दी गई थी।

अब प्रवासी भारतीय 30 जून तक नोट बदल सकेंगे लेकिन उन्हें फेमा नियमों के मुताबिक ही भारतीय मुद्रा को बदलने की छूट मिलेगी। इस नियम के तहत 25 हजार रुपये तक लाने की ही छूट है। उन्हें इसकी जानकारी कस्टम अधिकारी को भी देनी होगी।


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