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कोर्ट में हाथ जोड़कर बोले लालू, हुजूर देख ही रहे हैं शक्ति प्रदर्शन होना है

चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव ने सीबीआइ की तीन विशेष अदालतों में हाजिरी लगाई।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 28 Jul 2017 03:24 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jul 2017 10:59 AM (IST)
कोर्ट में हाथ जोड़कर बोले लालू, हुजूर देख ही रहे हैं शक्ति प्रदर्शन होना है
कोर्ट में हाथ जोड़कर बोले लालू, हुजूर देख ही रहे हैं शक्ति प्रदर्शन होना है

जागरण संवाददाता, रांची। चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव ने सीबीआइ की तीन विशेष अदालतों में हाजिरी लगाई। सबसे पहले लालू सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में पेश हुए। उन्होंने हाथ जोड़कर कोर्ट को बताया कि हुजूर देख ही रहे हैं शक्ति प्रदर्शन होना है। इतना कहना था कि लालू के अधिवक्ता व अदालत ने उन्हें चुप रहने का इशारा किया और वे चुप हो गए।

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इधर, सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत में उपस्थिति के बाद कोर्ट रूम से निकलकर लालू ने पान खाया और राजकीय अतिथिशाला के लिए निकल पड़े। इससे पूर्व कोर्ट पहुंचे लालू बेहद तनाव में दिखे। अदालत में उपस्थिति के लिए जाते लालू ने मीडिया वालों पर कमेंट किया। कहा कि सीबीआइ वालों से बोलते हैं, अभी सबको अंदर कराएंगे। अब शुक्रवार को सीबीआइ कोर्ट में लालू की उपस्थिति आवश्यक नहीं है। कोर्ट में उन्हें उपस्थित होना था, लेकिन उनके पक्ष में गवाह न्यायालय में नहीं आएंगे।

सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने पूर्व में आदेश दिया है कि लालू के पक्ष में जब-जब गवाह जाएंगे, तब-तब लालू को भी कोर्ट में उपस्थित होना होगा। देवघर व चाईबासा कोषागार से जुड़े मामले में कोर्ट में लालू तो पहुंचे, लेकिन गवाह नहीं पहुंचे। अदालत में विधायक सदानंद सिंह व आइपीएस सुनील कुमार की गवाही थी। लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि बिहार विधानसभा का सत्र शुरू होने वाला था, इसे लेकर सदानंद सिंह गवाही देने नहीं आ सके। आइपीएस सुनील कुमार कुछ दस्तावेजी साक्ष्य नहीं होने के कारण नहीं पहुंचे।

नीतीश के कफन में झोला है : लालू
रांची में अदालत से लौटने के बाद नीतीश कुमार पर जमकर बरसे राजद प्रमुख-भस्मासुर, अवसरवादी, नकली सरीखे विशेषण से नवाजा नीतीश कुमार को-राज्यपाल पर उठाए सवाल, हमें मिलने का समय दिया और उधर शपथ दिला दी

राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार के कफन में झोला है। गुरुवार को अदालत से लौटने के बाद गेस्ट हाउस में लालू प्रसाद ने जमकर भड़ास निकाली। लालू ने नीतीश कुमार को भस्मासुर, अवसरवादी, नकली सरीखे विशेषण से नवाजा। उन्होंने कहा नीतीश सबसे बड़े अवसरवादी हैं। हमें बिहार की जनता ने भाजपा के खिलाफ जनादेश दिया था। अब ये हमसे अलग हो गए हैं। हम फ्री हो गए। पुरानी बातों को याद करते हुए लालू कभी भावुक हुए तो कभी आक्रामक। बीच में मुस्कुराहट भी दी। उन्होंने कहा हमने नीतीश कुमार को टीका लगाकर कहा कि जाओ राज करो। चुनाव में पत्रकार पूछते थे कि ज्यादा सीट आएंगी तो नीतीश को सीएम बनाएंगे? लेकिन बिहार में राज ठीक से नहीं चला। शराब की होम डिलीवरी हो रही है। पुलिस वाले मालामाल हैं। उन्होंने आरोप दोहराते हुए कहा कि नीतीश कुमार के खिलाफ पंडारक थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज है। वे बिहार के लोगों को उनकी सच्चाई बताएंगे। बिहार के राज्यपाल की मंशा पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि हमें बाद में मिलने का समय दिया गया और पहले ही शपथ दिला दी।

 भाजपा-आरएसएस का था फिक्स मैच

राजद सुप्रीमो ने कहा कि यह सब भाजपा और आरएसएस का फिक्स मैच था। बुधवार को इस मैच का समापन हुआ। यह सब जानकारी होते हुए उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे कुछ करते तो लोग कहते लालू ने सरकार गिराकर राज्य को राष्ट्रपति शासन की ओर धकेल दिया। बड़ी पार्टी होने के नाते मुझे दावा पेश करने का मौका भी नहीं दिया। लालू ने नीतीश पर अपने बेटे तेजस्वी यादव के बढ़ते कद से डरने का भी आरोप लगाया।

 मैं जानता था..मेरी इच्छा नहीं थी

लालू ने नीतीश के बारे में कहा कि वे मेरे घर आए। सीढ़ी के नीचे खड़े थे। राबड़ी भी थीं। बोले-भाई साहब, हम लोग बूढ़े हो गए हैं। अब यही लड़के (तेजस्वी, तेज प्रताप) काम करेंगे। हमने भेज दिया। भोले शंकर बाबा की तरह कह दिया कि ले जाओ लेकिन यह तो भस्मासुर निकला। मेरी इच्छा नहीं थी। मैं इनकी रग-रग जानता था। इनकी व्यक्तिगत बात भी जानता हूं। कहना अच्छा नहीं है।

 कंबल ओढ़ घी पी रहे थे 'बेदाग बाबू'

लालू यादव ने नीतीश पर हत्या का केस लंबित होने की बात भी दोहराई। चुटकी लेते हुए कहा, 'बेदाग बाबू' अब तक कंबल ओढ़कर घी पी रहे थे। जब फंसने लगे तो इस्तीफा दे दिया। उन पर कांग्रेस नेता सीताराम सिंह की हत्या का मामला दर्ज है। कौंसिल के चुनाव में अपने शपथपत्र में उन्होंने इस केस का उल्लेख भी किया है। उनमें लज्जा है तो वे इस्तीफा दें। उमा भारती, जोगी सहित कई भाजपा नेताओं के खिलाफ आरोप हैं। नीतीश उनसे क्यों नहीं इस्तीफा मांगते?

नीतीश के स्टेपनी हैं सुशील मोदी

लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे सुशील मोदी के साथ मिलकर छल कर रहे थे। सीबीआइ और आइटी से गलत छापे डलवाए गए। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी सीएम नीतीश कुमार के स्टेपनी हैं ये गणेशजी को दूध पिलाने वाली पार्टी से हैं। नीतीश कुमार बार-बार नरेंद्र मोदी के साथ भोज करते रहे। उन्होंने एक फार्म हाउस में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात की थी।

नीतीश के करीबी नेताओं पर भी निशाना

लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार के करीबी आरसीपी सिंह को भी नहीं बख्शा तो श्याम रजक के विवादास्पद बयान की भी चर्चा की। आरोप लगाया कि आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश के सबसे दागी आइएएस अफसर रहे हैं। सब ट्रांसफर-पोस्टिंग में धन उगाही कर रहे हैं। यही सब सलाहकार हैं। जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी पर भी लालू बरसे।

सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती

राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपाल को सबसे पहले राजद को बुलाना चाहिए था। अब लड़ाई आगे बढ़ेगी। सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। राम जेठमलानी से बात करेंगे।

मीडिया पर बरसे लालू

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपना गुस्सा मीडिया पर भी उतारा। उनसे बात करने के प्रयास में जब कुछ स्थानीय चैनल के प्रतिनिधि एक साथ उनके कमरे में घुस गए तो उन्होंने अपना आपा खो दिया। उन्होंने जबरन सभी को कमरे से बाहर निकलवाया। इस क्रम में कुछ पत्रकारों का मोबाइल जमीन पर गिरकर टूटा तो एक का कैमरा। उन्होंने दिल्ली के दो चैनल की महिला पत्रकारों को कमरे में बुलाकर इंटरव्यू दिया था। उनके निकलने के बाद स्थानीय चैनल उनसे बात करना चाह रहे थे।

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