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हताश होकर एक समय क्रिकेट छोड़ना चाहते थे कुलदीप यादव

कुलदीप यादव एक बार इतने हताश हो गए थे कि उन्होंने क्रिकेट छोडऩे का भी मन बना लिया था।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 08:31 PM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 10:01 AM (IST)
हताश होकर एक समय क्रिकेट छोड़ना चाहते थे कुलदीप यादव
हताश होकर एक समय क्रिकेट छोड़ना चाहते थे कुलदीप यादव
अभिषेक त्रिपाठी, धर्मशाला। अपनी गेंद से सचिन तेंदुलकर को भी परेशान कर चुके कुलदीप यादव एक बार इतने हताश हो गए थे कि उन्होंने क्रिकेट छोडऩे का भी मन बना लिया था। उन्होंने दैनिक जागरण को दिए एक साक्षात्कार में बताया था कि मैं कड़ी मेहनत कर रहा था, लेकिन दो साल तक राज्य स्तरीय ट्रायल में मेरा चयन नहीं हुआ तो मेरा मन खराब हो गया। हालांकि पापा ने मुझे क्रिकेट खेलना जारी रखने को कहा। इसके बाद मैं यूपी अंडर-17 कैंप में चुना गया। भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाज के साथ कैंप करके पता चला कि देश में बहुत प्रतिभा है और मैं भी आगे बढ़ सकता हूं।
कुलदीप आइपीएल में मुंबई इंडियंस के रिजर्व खिलाडिय़ों में शामिल हुए, लेकिन वहां उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला था। उन्होंने मुंबई इंडियंस के साथ बिताए समय को याद करते हुए कहा था कि एक बार मैं नेट पर सचिन तेंदुलकर को अभ्यास करा रहा था तो वह मेरी गेंद समझ नहीं पाए और बोल्ड हो गए, तब मैंने उन्हें बताया कि मैं चाइनामैन गेंद फेंकता हूं। भज्जी पाजी से भी मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला था। पहले अपेक्षाकृत मोटे दिखने वाले कुलदीप ने अब अपने वजन पर भी विशेष ध्यान दिया है। हाल ही में बेंगलुरु में हुए बीसीसीआइ के वार्षिक पुरस्कार समारोह में इस संवाददाता से कहा था कि जब आपका कप्तान इतना फिट हो तो आपको भी फिट रहना चाहिए।
अंडर-19 विश्व कप में ली हैट्रिक
कुलदीप जब 17 साल के थे तब उनका अंडर-19 विश्व कप में खेलना तय माना जा रहा था, लेकिन उनको जगह नहीं मिली। हालांकि दो साल बाद उन्हें इस टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला और उन्होंने अंडर-19 विश्व कप में स्कॉटलैंड के खिलाफ हैट्रिक ली। वह ऐसा करने वाले दुनिया के इकलौते गेंदबाज हैं। वह वर्ष 2013-14 में लगातार दूसरे सत्र में वीनू मांकड ट्रॉफी के सात मैचों में 22 विकेट लेकर सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बने। वह एक दुर्लभ क्रिकेटर हैं और उत्तर प्रदेश की टीम खेलने के बाद उन्होंने अपने प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत 2014 में दलीप ट्रॉफी से की। उन्होंने इसके इकलौते मैच में तीन विकेट लेने के साथ अर्धशतक लगाया। पीयूष चावला के उत्तर प्रदेश टीम में होने के कारण उन्हें रणजी में खेलने का मौका देरी से मिला, लेकिन 2016-17 सत्र में उन्होंने पहली बार उत्तर प्रदेश की तरफ से रणजी के आठों लीग मैच खेले, जिसमें वह 35 विकेट और 466 रनों के साथ अपनी टीम के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के साथ सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज भी रहे। इस दौरान उन्होंने अपना इकलौता शतक जमाया, जबकि दो बार पांच या ज्यादा विकेट लिए। उन्होंने इस सत्र की शुुरुआत में गुलाबी गेंद से दलीप ट्रॉफी में खेलते हुए तीन मैचों में 17 विकेट लिए और इंडिया रेड को फाइनल तक पहुंचाया।
2014 चैंपियंस लीग में भी चमके
2014 में हुई टी-20 चैंपियंस लीग में उन्होंने पांच मैचों में कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से छह विकेट लिए। पर्थ स्कॉचर्स के खिलाफ मैच में उन्होंने 24 रन पर ही तीन विकेट चटकाए थे। केकेआर ने उन्हें 66 हजार अमेरिकी डॉलर में खरीदा था और 2016 के आइपीएल में कुलदीप ने तीन मैचों में छह विकेट लिए। कुलदीप को पहली बार नवंबर 2014 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज में बुलाया गया, लेकिन खेलने को नहीं मिला। पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ अभ्यास मैच में वह भारत-ए से खेले। उस मैच में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी थे और कुलदीप ने 60 रन खर्च करके पांच विकेट लिए। तब इस गेंदबाज ने जागरण से कहा था कि धौनी की कप्तानी में खेलने का मेरा सपना पूरा हो गया। इस मैच से पहले ही धौनी ने टेस्ट के बाद सीमित ओवरों की भी कप्तानी छोड़ी थी, लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें अभ्यास मैच के लिए कप्तान बना दिया था। कुलदीप ने भारत-ए और बांग्लादेश के बीच दो दिवसीय वार्मअप मैच में भी प्रभावित किया। यही कारण है कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया क्े खिलाफ सीरीज में चौथे स्पिनर के तौर पर चुना गया।
क्या है चाइनामैन
जब बायें हाथ का स्पिनर गेंद को अंगुलियों की बजाय कलाई से स्पिन कराते हुए ऑफ स्पिन की जगह लेग स्पिन कराए तो उसे चाइनामैन गेंदबाज कहते हैं। यह टर्म साल 1933 में वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान आया था। जब वेस्टइंडीज के बायें हाथ केऑर्थोडॉक्स गेंदबाज एलिस अचॉन्ग ने इंग्लिश बल्लेबाज वाल्टर रॉबिंस को ऑफ स्टंप के बाहर से गेंद को टर्न कराकर बोल्ड कर दिया था। चौंकाने वाली गेंद पर बोल्ड होने के बाद रॉबिंस ने पवेलियन लौटते समय झल्लाकर अंपायर से एलिस के लिए अपशब्दों के साथ चाइनामैन शब्द का प्रयोग किया था। वास्तव में एलिस चीनी मूल के खिलाड़ी थे, जो वेस्टइंडीज के लिए खेलते थे। इसी के बाद से अजीबोगरीब एक्शन वाले ऐसे गेंदबाजों को चाइनामैन गेंदबाज कहा जाने लगा।
विश्व प्रसिद्ध चाइनामैन गेंदबाज 
अंतरराष्ट्रीय पटल में इससे पहले एलिस अचॉन्ग, गैरी सोबर्स, ब्रैड हॉग, पॉल एडम्स, तबरेज शम्सी, जॉनी वार्डल, लक्षण संदाकन चाइनामैन गेंदबाज के तौर पर अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं। भारत में घरेलू स्तर पर एक चाइनामैन गेंदबाज हैं जिसका नाम है शिविल कौशिक। गुजरात लॉयंस के कप्तान सुरेश रैना ने राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के खिलाफ उन्हें मौका दिया था। कौशिक का एक्शन दक्षिण अफ्रीकी चाइनामैन गेंदबाज पॉल एडम्स जैसा है।

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