मां को 12 साल बाद पता चला उनका 'बेटा' लड़का नहीं लड़की है!
अब वह हंसता नहीं, हंसती है, कहता नहीं कहती है... किन्नर कृष्णा सिंह की सूरत के साथ उनका अंदाज भी बदल गया है। वह अब लड़का नहीं, बल्कि तकरीबन लड़की में तब्दील हो चुका है-नाम है नैना सिंह।
नई दिल्ली। दिल्ली के वसंत वैली स्कूल में पढ़ने वाले कृष्णा सिंह की सूरत के साथ उनका अंदाज भी बदल गया है। वह अब लड़का नहीं, बल्कि लड़की में तब्दील हो चुके हैं- नाम है नैना सिंह। हालांकि, उनकी ट्रांसजेंडर की सर्जरी होनी बाकी है, जो 12वीं की परीक्षा खत्म होने के बाद होगी।
सलवार-कमीज पहनकर स्कूल जाती हैं
नैना को देखकर कोई यह नहीं कह सकता कि कभी यह लड़का रही होगी। ज्यादा समय नहीं हुआ जब नैना लड़का थी और लड़कों की यूनिफॉर्म में स्कूल जाती थी, लेकिन अब सबकुछ बदल चुका है। कृष्णा सिंंह अब नैना सिंह हैं और अब वह सलवार-कमीज पहनकर स्कूल जाती हैं।
sex reassignment surgery होगी परीक्षा के बाद
नैना 12वीं कक्षा की परीक्षा देने के बाद लिंग बदवाल सर्जरी (sex reassignment surgery) की तैयारी में हैं। नैना अब एक मिसाल बन चुकी हैं, जिन्होंने अपने आपको पहचानकर अपनी इच्छा को अंजाम तक पहुंचा रही हैं।स्कूल में रहने के दौरान शुरुआत में नैना ने खुद को समलैंगिंग के रूप में जाना।
शिवी का मामला था नजर में
इस तरह एक अन्य मामला शिवी का भी है। अट्ठारह साल के ट्रांसजेंडर शिवी को उसके माता-पिता ने दिल्ली इसलिए भेजा था, जिससे वह अपने बर्ताव में बदलाव कर सके। हालांकि, यह मामला उल्टा पड़ा। शिवी ने अपने मां-बाप से खतरा होने की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की थी।
पैदाइश से शिवी लड़की हैं पर अब वो अपनी लैंगिक पहचान पुरुष मानते हैं। उनके मुताबिक उनकी महिला दोस्त के बारे में पता चलने के बाद ही उनके मां-बाप ने भारत आने की योजना बनाई ताकि उन्हें ‘सुधारा’ जा सके।
मां ने किया सपोर्ट, साथ भी मददगार
नैना (पहले कृष्णा) को हमेशा से मां की सपोर्ट मिला। मां मिशी ने नैना के लिए लड़कियों की ड्रेस मुंबई से खरीदी थी। नैना को घर पर मां के अलावा परिवार, दोस्तों और स्कूल से भी सहारा मिला। यही वजह थी नैना लड़के से लड़की बनने की दिशा में पहला कदम उठाई पाईं।
उसे मेकअप पसंद
कृष्णा के नैना में तब्दील होने के बाद उसे सजना-संवरना बेहद पसंद है। वह इसको लेकर दोस्तों से बातें भी करती थी। ज्यादातर मां-बाप इसे स्वीकार नहीं कर पाते। मां मिशी ने सबसे पहले 2011 में नैना के लिए काउंसलर की व्यवस्था की।
मां सोचती थी गे है उनका बेटा
शुरुआत में मां मिशी के लिए यह सब समझना, जानना और स्वीकार करना आसान नहीं था। मिशी सोचती थी कि नैना गे है, लेकिन जल्द ही अहसास हो गया कि वह लड़की है। मिशी के मुताबिक, वह नहीं चाहती थी कि मेरी बेटी को किसी तरह की कोई परेशानी हो। मिशी का मानना है कि मां-बाप हमेशा सच जानते हैं।
वह कहती हैं मैंने अपनी बेटी को बाजार में जाकर रिमोट कंट्रोल वाली कार दिखाई। इसके अलावा लड़कों की पसंद के खिलौने दिखाए, लेकिन नैना को स्टफ्ड टॉयज ही पसंद आते थे।
कृष्णा ने की थी खुदकुशी की कोशिश
कुछ महीने पहले नैना डिप्रेशन में चली गई। इसके बाद खुदकुशी का भी प्रयास किया। 41 फीसद ट्रांसजेंडर खुदकुशी कर लेते हैं।
काउंसलर ने कहा, कृष्णा एक लड़की है
नैना के खुदकुशी के प्रयास के बाद पिछले साल सितंबर में काउंसलर ने मां मिशी और बड़ी बहन को बुलाकर साफतौर पर कहा कि इसमें कोई शक ही नहीं है कि कृष्णा एक लड़की है।