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जानिए, क्या है देश की पहली सुपर लग्जरी ट्रेन 'टौल्गों' की खासियत

टैल्गो का पहला ट्रायल 29 मई को बरेली वाया मुरादाबाद-सहारनपुर के बीच होगा। ट्रायल सफल होने पर इसे दिल्ली व मुंबई ट्रैक पर चलाया जाएगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 24 May 2016 05:21 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2016 08:11 PM (IST)
जानिए, क्या है देश की पहली सुपर लग्जरी ट्रेन 'टौल्गों' की खासियत

नई दिल्ली[आशीष तिवारी]। मोदी सरकार के 26 मई को दो साल पूरे होने का असर रेलवे पर साफ दिखाई देने लगा है। रेल मंत्री की सोशल साइट्स पर सक्रियता तो पहले ही थी लेकिन अब हाई स्पीड ट्रेन 'टौल्गों' भी रेलवे को नया कलेवर देने के लिए तैयार दिख रही है।

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फिलहाल रेलवे की नजर स्पेन से मंगवाई गई इस सूपर लग्जरी ट्रेन को भारतीय ट्रैक पर सफलता से दौड़ाने पर है। टैल्गो का पहला ट्रायल 29 मई को बरेली वाया मुरादाबाद-सहारनपुर के बीच होगा। ट्रायल सफल होने पर इसे दिल्ली व मुंबई ट्रैक पर चलाया जाएगा।
टौल्गों की खासियत-
टैल्गो एक स्पेनिश तकनीक है जो दावा करती है कि यात्रा का 25 फीसदी वक्त कम कर देगी। दिल्ली- मुंबई रूट पर अभी तक की सबसे तेज ट्रेन राजधानी है जो यात्रा पूरा करने में लगभग 16 घंटे लेती है।लिहाजा टैल्गों के आने से दोनों शहरों के बीच की दूरी निर्धारित समय से घटकर महज 12 घंटे रह जाएगी। टैल्गों के कोचों पर लगभग 3.25 करोड़ का खर्च आया है, जबकि आमतौर पर नॉर्मल कोचों की कीमत 2.5 करोड़ होती है। वर्तमान में, भारतीय रेलवे की ट्रेनें मोड़ों पर झटका देती हैं। ट्रेन ड्राइवर इस दौरान रफ्तार कम कर देते हैं, जिससे ट्रेन को आराम से पास किया जा सके। टैल्गो की तकनीक यात्रा का समय कम करने के साथ ही ट्रेन के झटकों को कम करती है और मोड़ों को आरामदायक बनाती है।

पढ़ेंः भारत में दौड़ने के लिए तैयार स्पेन की टैल्गो ट्रेन, 29 मई को होगा ट्रायल रन

सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण

टैल्गो ट्रेन के कोच आधुनिक तकनीकि से बने हैं। इस ट्रेन में एल्यूमिनियम बॉडी से कोच लगे हैं, जो बेहद हल्के हैं। नई तकनीक से ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटना में कमी आएगी। इससे पैसेंजर्स को सुखद यात्रा का अनुभव होता है। मेट्रों के कोच की ही तरह इनमें भी ऑटोमेटिक स्लाइडिंग डोर्स हैं। जो कि सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं।

इतने कोच होॆगे

टैल्गों के भारत में चलने वाले कोचों में 4 एसी चेयर, 3 एक्जीक्यूटिव व 3 पावर कार कार कोट होंगे। टैल्गो की अधिकतम रफ्तार 256 किलोमीटर प्रतिघंटा है, जोकि डीजल ट्रेनों में सबसे अधिक है। 29 मई को ट्रायल के दौरान आरडीएसओ इसकी रफ्तार को कम से कम 80 किमी/प्रति घंटा और अधिकतर 180किमी/प्रति घंटा करेगा।

पढ़ेंः बदहाल ट्रैक पर दो सौ की स्पीड से दौड़ेगी सेमी हाईस्पीड ट्रेन


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