Facebook ऑफिस में मुस्कुराना है जरूरी, खुश रहने को दी जाती हैं कई सुविधाएं; जानिए वजह
Facebook Office, फेसबुक के दफ्तर में काम के दौरान कर्मचारियों का मुस्कराना जरूरी है। कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान रहे, इसके लिए प्रबंधन द्वारा कई प्रयास किए गए हैं।
नई दिल्ली, विवेक भटनागर। हाल ही में सैन फ्रांसिस्को से आई एक खबर में बताया गया कि फेसबुक के दफ्तर (Facebook Office) में काम के दौरान कर्मचारियों का मुस्कराना जरूरी है। यह मात्र एक फरमान नहीं है, बल्कि कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान रहे, ऐसे प्रयास प्रबंधन द्वारा भी किए गए हैं। दरअसल, फेसबुक (Facebook) चाहता है कि उसके दफ्तरों में खुशनुमा महौल बना रहे और कर्मचारी बिना किसी तनाव के अच्छे ढंग से अपने काम को अंजाम दे सकें। इस बात का खुलासा फेसबुक के कुछ पूर्व कर्मचारियों (Employees) ने हाल ही में किया, जिसके कारण यह खबर बन सकी।
उनके अनुसार, सोशल मीडिया कंपनी (Social Media) की सीओओ शेरिल सैंडबेग का मंत्र है कि खुद का उत्साहवर्धन करते रहना चाहिए, जिससे आपका काम और खिल सके। गौरतलब है कि सर्वाधिक लोकप्रिय सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक काम करने के माहौल के मामले में दुनिया की सबसे अच्छी जगहों में से एक मानी जाती है। यहां न सिर्फ प्रोफेशनलिज्म है, बल्कि कर्मचारियों को कैफे व रेस्तरां में फ्री मील्स जैसी सुविधाएं मुफ्त में दी जाती हैं। मुख्य दफ्तर की छत पर नौ एकड़ में फैला बगीचा भी एक खुशनुमा माहौल पैदा करता है।
अब कंपनियां यह बात समझ रही हैं कि अच्छा काम करने के लिए और बाजार में आगे रहने के लिए खुशनुमा माहौल की कितनी जरूरत है। कंपनी की रीढ़ कहे जाने वाले कर्मचारियों का खुश रहना बेहद जरूरी है। जाहिर है कि फेसबुक की इस पहल को अन्य कंपनियां भी अपनाना चाहेंगी।
गुणवत्ता के लिए खुश रहना जरूरी
अगर आप खुश हैं, तो इसका असर आपके काम पर दिखाई देता है। खुश रहने से आपके काम की गुणवत्ता भी बढ़ती है, क्योंकि तनाव की अनुपस्थिति में काम पर फोकस बढ़ जाता है। खुश रहने से आत्मविश्वास का स्तर नीचे नहीं गिरता। आत्मविश्वास बरकरार रहने से कार्य क्षमता को प्रोत्साहन मिलता है। ऐसा एम्प्लॉई अपने बॉस से बेहतर तरीके से काम के मुद्दों पर विचार-विमर्श करता है। हंसने-मुस्कुराने और खुश रहने से कर्मचारी चुस्त व फुर्तीले बने रहते हैं।
खुश रहना आसान नहीं
हालांकि आज के तमाम तरह की कठिनाइयों के दौर में खुश रहना या हंसना-मुस्कराना आसान भी नहीं है। कई लोग ऐसे जीवन को चुनौती के रूप में स्वीकारते हैं, तो वे खुश रहते हैं, लेकिन जो अपने जीवन से ही असंतुष्ट हैं, उन कर्मचारियों के लिए कंपनियां कुछ भी कर लें, वे खुश नहीं रह सकते। यह मानकर चलना चाहिए कि खुशी कहीं से आती नहीं है, बल्कि वह हमारे अंदर ही होती है, बस हमें उसे अपनी सकारात्मक सोच की रोशनी देकर उजागर ही करना होता है। फिर भी वर्कप्लेस पर भीतर से खुश रहने के लिए आप इन तरीकों को आजमा सकते हैं।
करें अपनी रुचि का काम
कार्यस्थल पर यदि आपको रुचि का काम नहीं मिला है, तो आप लाख कोशिश करने के बाद भी उसे अच्छे ढंग से नहीं कर पाएंगे। ऐसे में आप कभी खुश नहीं रह पाएंगे। यदि कार्यालय में आपको आपकी रुचि से अलग काम दिया गया है, तो यह बात अपने सीनियर्स को बताएं और उन्हें यकीन दिलाएं कि आप अमुक काम को कहीं अधिक बेहतर तरीके से कर सकते हैं। जब आपको अपनी पसंद का काम मिल गया, फिर देखिए आपके चेहरे पर खुशी होगी और काम में गुणवत्ता।
बनाएं नियमित रूटीन
जब आप एक नियमित रूटीन का पालन करेंगे, तो इससे आपको बड़ा सुकून मिलेगा। आप प्रोडक्टिव और खुश रहेंगे। निश्चित समय पर ऑफिस आएं, तय समय पर भोजन और नाश्ता इत्यादि करें, समय पर मीटिंग्स में पहुंचें। जब आप अपना तय रूटीन बना लेते हैं, तो शरीर भी उसे अपना लेता है और वह आपके लिए सहज हो जाता है। इससे आपका तन-मन का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आप खुश रहेंगे।
थामें सकारात्मकता का दामन
खुशी का स्रोत स्वस्थ शरीर और सेहतमंद दिमाग होता है। जब आपका तन-मन ही गड़बड़ है, तो आपका व्यवहार भी दूसरों से अच्छा नहीं होगा। क्रोधी और तुनक मिजाज लोगों को कोई भी पसंद नहीं करता। इसके लिए सबसे ज्यादा काम आती है, हमारी सकारात्मक दृष्टि। वर्कप्लेस पर सकारात्मक रहने का पूरा प्रयास करना चाहिए, ताकि आपका व्यवहार भी लोगों से अच्छा हो। अच्छा व्यवहार तमाम तरह की खुशियां लेकर आता है।
संबंधों में हो निकटता
यह सही है कि हम काम करने के लिए ऑफिस आते हैं, लेकिन यह कतई जरूरी नहीं है कि हम लगातार काम में जुटे रहें। इससे हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इसलिए बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें और इसका सदुपयोग लोगों से नेटवर्क बनाने में करें। जैसे लंच टाइम या छोटे अंतराल पर आप वर्कप्लेस के ही अधिक से अधिक लोगों से मिलें। इससे आपको काम के विभिन्न तरीकों व आइडियाज का तो ज्ञान होगा ही, आप खुश भी रहेंगे। अगर आप सेल्स में काम करते हैं, तो आपको किसी दूसरे डिपार्टमेंट जैसे एकाउंट्स के लोगों से मिलना चाहिए, इससे एक दूसरे की कार्यशैली का पता चलता है। और, संबंधों के प्रगाढ़ होने से खुशी आती है।
दूसरों के मददगार बनें
जब आप पूरे होश में रहेंगे, तो काम अच्छा होगा और गलतियां होने की आशंका भी नहीं रहेगी। तब आपको सिर्फ अपनी परेशानी ही नहीं, दूसरों की परेशानी भी दिखाई देगी। अगर आप अपने साथियों की परेशानी में मददगार बनते हैं, तो आपके भीतर खुशी आती है। किसी के बारे में बुरा सोचते रहने से कुंठा आएगी, वहीं आप अच्छा-अच्छा सोचेंगे तो खुशी और उल्लास का दामन आप सदैव पकड़े रहेंगे।
टीम को और खुद को दें शाबाशी
जैसा कि फेसबुक की सीओओ ने कहा, हमें खुद को प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही यदि आप टीम लीडर हैं, तो अपनी टीम को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। अच्छे काम के लिए खुद को और टीम को शाबाशी दें। टीम के सदस्यों को कुछ पारितोषक कंपनी की ओर से दिला सकें तो और भी अच्छा। उनके और आपके चेहरे पर खुशी आएगी और काम निर्बाध गति से चलता रहेगा।
हंसने-मुस्कुराने का फायदा
- खुलकर हंसने से हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है।
- हंसने से हमारे शरीर में ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है, इससे हृदय सही ढंग से काम करता है।
- हंसने से हमारी प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है, जिससे बीमारियों से लडऩे में फायदा होता है।
- हंसने से शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन बनता है, जो हमें सुकून की नींद देने में मदद करता है।
- हंसने से आप सामाजिक रूप से सक्रिय होते हैं और आपका तनाव खुद ही कम हो जाता है।