जानें, कीनन-रूबेन हत्याकांड में क्या हुआ था पांच वर्ष पहले उस रात
महाराष्ट्र के कीनन-रुबेन हत्याकांड में सजा का ऐलान कर दिया गया है। सेशंस कोर्ट ने चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जानें उस रात की पूरी कहानी।
मुंबई, (जेएनएन)। मुंबई की सेशंस कोर्ट ने कीनन-रुबेन हत्याकांड मामले में चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
क्या हुआ था उस रात
20 अक्टूबर 2011 को रात करीब साढ़े दस बजे मुंबई के अंधेरी उपनगर के अंबोली इलाके में कीनन सांटोस अपने पांच दोस्तों के साथ एक होटल से खाना खाकर निकले थे। खाना खाने के बाद पांचों दोस्त नजदीक के पान की दुकान पर गए। कीनन के साथ उनके दोस्त रुबेन फ़र्नांडिस, उनके भाई बेंजामिन फ़र्नांडिस, अविनाश सोलंकी, प्रियंका फ़र्नांडिस और अन्य दो महिला दोस्त भी थे।
इसी दौरान पान की दुकान पर कुछ लोगों ने आकर कीनन के महिला दोस्तों के साथ छेड़खानी शुरू कर दी। विरोध करने पर वो लोग वहां से चले गए लेकिन थोड़ी देर बाद ही वह हथियार और 20 अन्य लोगों के साथ लौट आए। सबने मिलकर कीनन पर हथियारों से हमला कर उसकी जान ले ली। कीनन को बचाने उसके दोस्त रुबेन भी आए लेकिन बदमाशों ने कीनन पर रुबेन पर भी हमला कर दिया। हमले में बुरी तरह घायल रुबेन की दस दिन बाद मौत हो गई।
पुलिस ने मामले में चार लोगों को हत्या और 17 लोगों को दंगा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने यह मामला फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया था। कीनन के दोस्तों का कहना था कि जब कीनन और रुबेन पर हमला हो रहा था, तब होटल के वेटर तथा अन्य लोग सिर्फ़ देख रहे थे। कोई भी मदद के लिए नहीं आया। दोषियों के नाम जीतेंद्र राणा, सुनील बोथ, सतीश दुगरास और दीपक पिसवल हैं।
बोथ, दुगरास और पिसवाल लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स में सफ़ाई कर्मचारी है। तीनों के मुताबिक उस रात को जितेंद्र राणा हमारे पास आया था और उसने कहा था कि चार लोगों ने मिलकर उसकी पिटाई की है। राणा की बात सुनकर चारों अपने साथ हथियार लेकर वहां गए। बोथ और पिसवल ने स्टंप और हॉकी स्टीक हाथ में ले रखी थी। राणा और दुगरास कीनन-रुबन के पास गए और उन्हें चाकू से बुरी तरह मारकर उनकी ह्त्या कर दी।
डीएन नगर पुलिस स्टेशन के निरीक्षक ने बताया कि अविनाश सोलंकी और बेंजामिन फर्नांडिस को हॉकी स्टिक से मारा गया था, इसलिए उनकी जान बच गई।
मुंबई: कीनन-रुबेन हत्या मामले में चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा