भारत समेत दूसरे देशों में कितने कड़े हैं क्वारंटाइन के नियम, कितनी सजा का है प्रावधान, जानें
दुनिया में कोरोना वायरस फैलने के बाद कई देशों ने अपने यहां पर क्वारंटाइन के नियमों को और सख्त किया है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस को रोकने के लिए दुनिया भर के देशों में लाखों लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। इसके बावजूद इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसकी एक सबसे बड़ी वजह ये भी है कि मरीज या तो क्वारंटाइन से भाग रहे हैं या पूरी तरह से इसको फॉलो नहीं कर रहे हैं। कई जगहों पर क्वारंटाइन सेंटर से ऐसे लोगों के भागने की खबरें हम सभी ने सुनी भी हैं। ऐसा तब है जब कई देशों में इसको लेकर नियम बेहद सख्त हैं। कुछ देशों ने तो कोरोना वायरस की चपेट मे आने के बाद क्वारंटाइन के नियमों को और अधिक कड़ा कर लिया है। आइए जानते हैं कि क्वारंटाइन को लेकर किस देश में कितने सख्त हैं कदम।
अमेरिका में कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद नियमों में कुछ बदलाव किया गया है। इसके तहत यदि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर कोई भी ऐसा व्यक्ति पाया गया जो इससे ग्रसित है तो उस पर देश के खिलाफ आतंकवाद फैलाने के आरोप के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। यदि उस पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं तो उसको उम्रकैद तक हो सकती है। अमेरिका में केंद्र और राज्य सरकारों को क्वारंटाइन केबाबत अलग-अलग नियम हैं। राज्य के गवर्नर को कानून के तहत ये अधिकार प्राप्त है कि वह अपनी सीमा के अंदर लोगों को प्रतिबंधित कर सके। वहीं संघीय सरकार इस तरह की पाबंदी केवल विदेशियों पर ही लगा सकती है।
दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस फैलने के बाद नियमों को कड़ा किया गया और इसके तहत लगने वाले जुर्माने और सजा को बढ़ा दिया गया। इस वायरस के प्रकोप से पहले जुर्माने की जो राशि 2 लाख रुपये थी उसको अब बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा यहां पर क्वारंटाइन के नियम न मानने वालों के लिए सजा का भी प्रावधान है।
आस्ट्रेलिया में इसको लेकर पहले से ही नियम काफी सख्त हैं। यहां की भौगोलिक स्थिति की वजह से दूसरे देशों में होने वाली बीमारी बाहर से ही यहां पर आती है। ऐसे में बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को आस्ट्रलिया आगमन पर इस बात की जानकारी देनी जरूरी होती है कि वो अपने साथ क्या कुछ खाने की चीजें लकड़ी से बना सामान लेकर आए हैं। इस नियम की अनदेखी करने पर उनके ऊपर 220 डॉलर का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसके अलावा उन्हें आपराधिक मुकदमा भी झेलना होगा। इसमें एक लाख डॉलर तक का जुर्माना और दस वर्ष की कैद का प्रावधान है। इसकी निगरानी आस्ट्रेलियन क्वारंटाइन एंड इंस्पेक्शन सर्विस करती है।
कनाडा की संसद में तीन तरह के क्वारंटाइन कानून हैं। इनमें से एक इंसान, दूसरा जानवर और तीसरा पेड़ों के लिए है। 2005 में इसको पूरी तरह से दोबारा तैयार किया गया था। इनमें से पहला कानून कनाडा बोर्डर सर्विस एजेंसी द्वारा लागू किया जाता है जबकि दूसरा और तीसरा कानून केनेडियन फूड इंस्पेक्शन एजेंसी द्वारा लागू किया जाता है। पहले कानून को इंसान से फैलने वाली बीमारियों तथा दूसरे कानून को जानवरों से फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए बनाया गया है। वहीं तीसरा कानून पेड़ों को बचाने से संबंधित है।
किसी तरह की हेल्थ इमरजेंसी होने पर गवर्नर को यह अधिकार है कि वह क्वारंटाइन एक्ट के तहत जो जरूरी हो वो कदम उठाए। इसके अलावा इस कानून के तहत जरूरत पड़ने पर सभी ट्रेवलर्स को अपनी सेहत से जुड़े दस्तावेज या स्क्रिनिंग से गुजरना अनिवार्य है। यदि अधिकारी को इस बात की आशंका होती है कि कोई व्यक्ति या व्यक्यिों का ग्रुप किसी बीमारी से ग्रसित है और दूसरों को भी ये बीमार कर सकता है तो अधिकारी उसको या सभी की जांच करवा सकता है। उनसे जुड़ी चीजों की तलाश और जांच कर सकता है।
बोर्डर सर्विस अधिकारी को यदि लगता है कि उक्त व्यक्ति या ग्रुप उनके सवालों के जवाब सही नहीं दे रहा है तो वो उस व्यक्ति या ग्रुप को आइसोलेशन में रखने का भी आदेश दे सकता है। अधिकारी को ये भी हक है कि वह आइसोलेशन में जाने से मना करने पर उन्हें बिना वारंट के गिरफ्तार कर ले। ऐसे में अधिकारी इन सभी की चाहे अनचाहे रूप से जांच करवा सकता है। जांच में किसी बीमारी का पता चलने पर इनको इलाज के लिए अनिवार्य रूप से अस्पताल में आइसोलेट करने का भी अधिकारी को है।
हांगकांग में प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ डिजीज ऑर्डिनेंस के तहत यदि अधिकारी को इस बात का अंदेशा होता है कि कोई भी व्यक्ति ऐसी बीमारी से ग्रसित है जो वह दूसरों में फैला सकता है तो उसको और उससे जुड़ी सभी चीजों को सीज किया जा सकता है। सभी ट्रेवलर्स को जरूरत पड़ने पर अधिकारी उनसे उनकी हेल्थ रिपोर्ट मांग सकता है। यदि कोई भी व्यक्ति अधिकारी की बात नहीं मानता है तो अधिकारी उसको गिरफ्तार कर सकता है और उस पर आपराधिक मुकदमा चलाने की सिफारिश कर सकता है।
अधिकारी को कानून के तहत ये भी हक है कि वो किसी को भी अंदेशा होने पर आइसोलेशन में भेज सके और उनसे जुड़ी चीजों की जांच करवा सके। इतना ही नहीं वह एक निश्चित दायरे को भीआइसोलेशन के तहत चिन्हित कर सकता है। इसके अलावा वो सिविल एविएशन डिपार्टमेंट को ये आदेश देने का भी हकदार है कि उक्त व्यक्ति को विमान में जाने या आने से रोका जा सके।
इटली में कोरोना वायरस के मद्देनजर क्वारंटाइन का नियम और सख्त किया गया है। अब इसके नियमों को तोड़ने वालों पर जुर्माने की राशि को 206 यूरो से बढ़ाकर तीन हजार यूरो तक कर दिया गया है। अब ये नियम उन पर भी लागू है जो बेवजह से सड़क पर घूमते हैं।
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