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बूट पॉलिश करने वाला सनी गायकी में छाया, बोला- बहन एक दिन पैसा और नाम दोनों होगा

पटियाला रेलवे लाइन के बिलकुल साथ जमा कीचड़ के पास स्थित यह गिरी हुई दीवार वाला छोटा सा घर उस बूट पॉलिश करने वाले सनी का है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 09:49 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 03:20 PM (IST)
बूट पॉलिश करने वाला सनी गायकी में छाया, बोला- बहन एक दिन पैसा और नाम दोनों होगा
बूट पॉलिश करने वाला सनी गायकी में छाया, बोला- बहन एक दिन पैसा और नाम दोनों होगा

सुभाष चंद्र, बठिंडा। यह नई दिल्ली, पटियाला-अंबाला रेल लाइनों के बीच में फंसी अमरपुरा बस्ती की संकरी सी गली नंबर एक है। कुछ दिन पहले तक यहां रहने वाले बाशिदों, उनके सगे-संबंधियों और परिचितों के अलावा शायद ही कोई आता-जाता होगा, लेकिन आजकल यहां लोगों का तांता लगा रहता है। इनमें काफी संख्या मीडियाकर्मियों की भी है। यह सभी लोग इस गली के दाहिने हाथ के सबसे आखिरी मकान में आ-जा रहे हैं। पटियाला रेलवे लाइन के बिलकुल साथ जमा कीचड़ के पास स्थित यह गिरी हुई दीवार वाला छोटा सा घर उस बूट पॉलिश करने वाले सनी का है जो आजकल सोनी टीवी के सिंगिंग रिएलिटी शो ‘इंडियन आइडल-11’ में अपनी धमाकेदार सीधी एंट्री और प्रस्तुति से देश के करोड़ों लोगों के मनों पर छाया हुआ है।

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घर के दरवाजे पर उसकी मां गुब्बारे वाली रेहड़ी लेकर खड़ी है। आंगन में एक टूटे हुए सोफे पर सनी का हारमोनियम और पास ही नीचे उसका बूट पॉलिश करने वाला बक्सा पड़ा है। घर में हाल ही में बनाए दो नए कमरे हैं, लेकिन अभी प्लस्तर नहीं हुआ है। न बाथरूम है और न ही किचन। घर में मां के अलावा सन्नी की दो बहनें \और बड़ी बनह की दो बच्चियां हैं। दिनभर गुब्बारे बेचने या मांगकर लाने के बाद चूल्हे पर खाना बनता है, लेकिन तमाम बुनियादी सुविधाओं से वंचित घर के सभी सदस्यों की आंखें आजकल चमक रही हैं।

शादियों में पिता व दादी गाकर खाने के लिए मांगते थे

कभी लोगों के घरों व शादियों में मांगकर तो कभी शहर भर में घूम गुब्बारे बेचकर जीवनयापन करने वालीं सनी की मां सोमा कहती हैं, ‘बहुत दुख झेले हैं। सनी के पिता नानक की कुछ साल पहले जम्मू-कश्मीर में सैलाब के दौरान मौत हो गई थी। वह भी बूट पॉलिश करते थे। अब शायद भगवान ने हमारी सुन ली है। खुशी की कोई सीमा नहीं है।’ सोमा के अनुसार, ‘सनी की दादी मीरा और पिता नानक भी शादियों में गाकर खाने का जुगाड़ करते थे। सनी की बहन सखीना भी इसी तरह से ही गाती है।’

बहन ऐसा दिन आएगा, जब पैसा भी होगा और नाम भी 

तू सज्जणां रब दे नां वरगा, आउंदे जांदे साह वरगा ... गीत सुनाते हुए सखीना बताती हैं कि सनी कहता था कि मैं एक दिन ऐसा काम करूंगा, जिससे पैसा भी आएगा और नाम भी होगा। शायद वह दिन आ गया है। सनी को भी बचपन से ही गाने का शौक रहा है। वह बूट पॉलिश करने के बाद घर में रात तक रियाज करता था। उसने कोई गुरु नहीं बनाया था।

जजों ने दिया गोल्डन माइक, नेहा कक्कड़ ने दिए एक लाख रुपये

महज छठी पास 21 वर्षीय सनी का बेशक इंडियन आइडल में सफर अभी शुरू ही हुआ है और आने वाले पड़ावों में क्या होने वाला है अभी किसी को नहीं पता, लेकिन उसकी धमाकेदार प्रस्तुति ने तीन जजों संगीतकार अनु मलिक, विशाल डडलानी एवं गायिका नेहा कक्कड़ को झकझोर कर रख दिया है। देशभर में चारों ओर उसके गाए गीत आफरीन-आफरीन की गूंज सुनाई दे रही है। सनी इस शो का एकमात्र ऐसा प्रतियोगी है जिसे जजों ने सीधे गोल्डन माइक देकर थिएटर राउंड के लिए चुना है। गायिका नेहा कक्कड़ ने उसकी कहानी सुनकर उसे एक लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी है।

यहां देखें

आफरीन-आफरीन..इंडियल आइडल में पहुंचा बठिडा का सन्नी


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