अब खिलौने रखेंगे बच्चों पर नजर, खतरे को लेकर कर देंगे आगाह ...जानिए
बच्चे आपकी अनुपस्थिति में क्या कर रहे हैं? वे सुरक्षित हैं या नहीं? ऐसे कई सवाल आपको परेशान करते हैं। लेकिन, अब आप उनपर खिलौनों व अन्य कई चीजोें के माध्यम से उनपर नजर रख सकते हैं।
भागलपुर [जेएनएन]। अब खिलौने बताएंगे कि आपका बच्चा कहां पर है। बाजार मे इस समय जीपीएसयुक्त घडि़यां, लॉकेट, खिलौने व पेंडेट आदि उपलब्ध है। इनसे बच्चों के बारे मे पल-पल की जानकारी मिल सकती है। इससे अभिभावको को काफी सहूलियत होगी। इन गैजेट्स मे लगे इमरजेसी बटन से अभिभावकों तक खतरे के संदेश भी भेजे जा सकते हैं। ये खिलौने आप ऑनलाइन भी खरीद सकते है।
ऐसे खिलौनों में जीपीएसयुक्त टैडी बियर, कार-रेल आदि से लेकर मोबाइल फोन आदि कुछ भी हो सकते हैं। लॉकेट खूबसूरत पेंडेट की तरह होते हैं। ये मनचाहे डिजाइन और आकार में उपलब्ध हैं। जीपीएस युक्त घडि़यां भी अन्य घडि़यों की तरह समय बताती हैं। स्कूल बैग मे जीपीएसयुक्त हो सकता हे। ऐसे खिलौनों आदि को ट्रैकिंग डिवाइस के रूप मे इस्तेमाल किया जा सकता है। ट्रैकिंग डिवाइस को इस्टॉल कर लेने के बाद बच्चे की लोकेशन व दिशा की जानकारी स्मार्टफोन व कप्यूटर मिलती रहेगी।
तोड़ने की कोशिश पर तुरंत आएगा मैसेज
अगर किसी को इसकी असलियत पता चल गई और उसने इसे तोड़ने की कोशिश की तो इसकी सूचना भी मिल जाएगी। खिलौने के आखिरी लोकेशन की जानकारी मिल जाएगी। एक निश्चित दूरी से बाहर जाने पर ऐसे खिलौने साइलेंस मैसेज भी ट्रैकर को भेज देंगे।
ऐसे करे इंस्टाल
जीपीएस डिवाइस मे जीएसएम सिम डालने के बाद उसे यूएसबी से जोड़कर कंप्यूटर से जोड़ने पर उसमे मोबाइल नबर, ई-मेल आदि जानकारियां भरकर इंस्टॉल किया जा सकता है। आप एक टाइम भी सेट कर सकते हैं, ताकि पांच मिनट या आधा घंटा पर आपको स्मार्टफोन सूचित करता रहे।
एक से बढ़कर एक फीचर्स
फीचर्स के हिसाब से इनकी कीमत बढ़ती जाती है। जैसे टू वे कम्युनिकेशन, एसओएस हेल्प (यानी जहां मोबाइल का नेटवर्क नहीं है, वहां पर भी यह काम करेगा), लो बैटरी होने पर चार्ज करने की चेतावनी आदि के कई तरह के फीचर्स इनमें हो सकते हैं। ऐसे फीसर्च भी हैं, जिनकी सहायता से आप बच्चे के लोकेशन की वीडियो भी देख सकते हैं।
भागलपुर के एक वरीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि वर्तमान समय में अभिभावक बच्चों पर 24 घंटे नजर रखने के लिए इनका उपयोग कर सकते हैं। इससे किसी घटना की स्थिति में तुरंत सहायता देने में सहूलियत हो जाएगी। इसकी श्ुारूआत हो चुकी है। जरूरत है लोगों को जागरूक कर ऐसे खिलौनों को बढ़ावा देने की।