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पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है, जानिए उड़नपरी 'भावना कंठ' को

बिहार के लिए ये गर्व की बात है कि यहीं की धरती में जन्मी औऱ पली बढ़ी बेटी भावना कंठ आज अपने देश के लिए, देश की बेटियों के लिए एक मिसाल बन गई हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2016 12:39 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2016 07:57 AM (IST)
पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है, जानिए उड़नपरी 'भावना कंठ' को

पटना [काजल]। कहते हैं ना...पंखों से नहीं हौसलों से उड़ान होती है, इस उक्ति को साबित कर दिया है बिहार की बेटी भावना कंठ ने। सच्ची लगन और आत्म विश्वास हो तो आसमान की उंचाई भी मायने नहीं रखती। इसके साथ ही सही मार्गदर्शन की भी जरूरत होती है।

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मां-पापा की प्यारी, दोस्तों की दुलारी, देश की लड़कियों के लिए सपनों की उड़ान देने वाली भावना कंठ अब किसी पहचान की मुंहताज नहीं। आत्मविश्वास से लबरेज, आखों में चमक, दुश्मनो के दांत खट्टे करने का हौसला और चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान, कुछ एेसी ही हैं भारत की पहली महिला जेट फाइटर प्लेन उड़ाने वाली पायलट, भावना कंठ।

भावना को अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना बचपन से ही थी। बचपन से ही पायलट बनने का ख्वाब संजोने वाली भावना को माता-पिता का पूरा सहयोग मिला, जो भी करना चाहती थीं उसमें उन्होंने पूरा साथ दिया। पहली महिला पायलट बनने की खुशी जहां भावना को है तो उनसे ज्यादा खुश उनके माता-पिता हैं। हों भी क्यों ना? अाखिर बेटी ने वो कर दिखाया जो वह चाहती थी।

भावना के बारे में बताने में वो गर्व महसूस करते हैं। भावना की मां के मुताबिक वो कभी नहीं सोचती थी कि वो लड़की है ये काम नहीं कर सकती? अपने माता पिता पर गर्व करने वाली भावना हमेशा उनसे कहती हैं कि मैं कितनी खुशनसीब हूं कि मेरे इतने अच्छे माता-पिता हैं, जिन्होंने बचपन से मेरा हौसला बढाया, हमेशा मेरी इच्छाओं का सम्मान किया।

भावना की मां की चमक उनकी आंखों में साफ दिखी, उन्होंने बताया कि- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात में भावना कंठ सहित तीनों महिला जेट पायलटों को अपनी बधाई दी तो हम सब रेडियो में उनका बधाई संदेश सुन रहे थे। उन्होने अपने बधाई संदेश मे कहा है कि # हम सब गर्व करें, ऐसी एक और महत्वपूर्ण बात- 18 जून को भारतीय वायु सेना में पहली बार महिला लड़ाकू पायलट की पहली बैच आई। गर्व होता है कि तीनों फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चतुर्वेदी, भावना कंठ, मोहना, जिन्होंने हमें गौरव दिलाया है।

# अवनि मध्य प्रदेश के रीवा से हैं, भावना बिहार से हैं और मोहना गुजरात के बड़ोदरा से हैं। ये छोटे शहरों से होने के बावजूद भी इन्होंने आसमान जैसे ऊंचे सपने देखे और उसे पूरा करके दिखाया।

भावना के घर का माहौल ऐसा था कि कभी ये नहीं समझा गया कि भावना एक लड़की है और किसी भी बात में कम हूं। भावना के मम्मी-पापा ने हमेशा उनका सपोर्ट किया। आज वे जो भी हैं उसका श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं।

लड़का हो या लड़की किसी भी सपने को पूरा करने के लिए फैमिली का सपोर्ट होना बहुत जरूरी है। साथ ही अच्छे दोस्त भी जरूरी हैं। भावना की मित्र मंडली भी एेसी ही है जो हमेशा उनका हौसला बढाया करती थी। आज वे सब बहुत खुश है कि उनकी दोस्त अब जेट फाइटर उड़ाएगी। छोटे भाई बहन, सगे-संबंधी भावना सबकी फेवरिट रही हैं। सभी भावना से बहुत प्यार करते हैं, सबको भावना के बारे में जानकर बहुत खुशी हुई।

भावना के साथ ही और दो लड़कियों ने यह गौरव हासिल किया है। इनकी ट्रेनिंग काफी कठिन थी लेकिन ट्रेनिंग को भी इन तीनों ने खूब इंज्वॉय किया। अब इन सबके कठिन परिश्रम के बाद इनकी सपना पूरा होने वाला है अब आसमां इनसे दूर नहीं और जल्द ही ये आसमां की उंचाई मापने निकल पड़ेंगी ।

आज की पीढी के लिए भावना कंठ एक उदाहरण है कि मुश्किल कुछ नहीं होता, सपने बड़े देखने चाहिए, कभी खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए। लड़कियां कुछ भी कर सकती हैं, जरूरी है उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने की, उन्हें सपोर्ट करने की।

वो चाहे जिंदगी का सफर हो, चाहे हो जंग का मैदान

मुहाज कोई भी हो, हौसला जरूरी है......


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