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यूपी चुनाव 2017: पांचवें चरण तक 618 आपराधिक छवि के नेता चुनाव मैदान में

पहले चार चरण के चुनाव में किसी भी दल ने आपराधियों को टिकट देने में कोई कोताही नहीं बरती है और अब पांचवें चरण में साल 2012 की तुलना में इस बार भी अपराधियों की संख्या अधिक है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2017 07:49 AM (IST)
यूपी चुनाव 2017: पांचवें चरण तक 618 आपराधिक छवि के नेता चुनाव मैदान में
यूपी चुनाव 2017: पांचवें चरण तक 618 आपराधिक छवि के नेता चुनाव मैदान में

नई दिल्ली, जेएनएन। राजनीति को कभी सेवा का माध्यम माना जाता था, लेकिन आज के दौर में इतने ज्यादा आपराधिक छवि के लोग नेता बन गए हैं कि कुछ लोग राजनीति और अपराध को एक-दूसरे का पूरक बताने लगते हैं।

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पहले चार चरण के चुनाव में राजनीतिक दलों ने आपराधिक रिकार्ड वाले नेताओं को टिकट देने में कोई कोताही नहीं बरती है और अब पांचवें चरण में साल 2012 की तुलना में इस बार भी अपराधियों की संख्या अधिक है। आंकलन के अनुसार पिछली बार की तुलना में इस बार 19 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

पांचों चरणों की बात की जाए तो एडीआर 3683 में से 3660 प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों का आकलन किया है और इनमें से 618 यानि कुल 17 फीसद उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही है। यही नहीं इनमें से भी 500 प्रत्याशी यानि 14 फीसद ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर प्रवृत्ति के आपराधिक मामले दर्ज हैं।


पांचवां चरण

इस चरण के चुनाव में इनमें से 9 फीसद पर हत्या, आठ फीसद पर महिलाओं के खिलाफ अपराध दर्ज हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक बाहुबली और धनबली चुनावी मैदान में ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं। एडीआर के संजय सिंह ने पांचवें चरण में नामांकन करने वाले 617 प्रत्याशियों में से 612 के नामांकन दाखिल करते समय दिए गए शपथपत्रों का आकलन किया जिसके बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई। हालांकि अलापुर से सपा उम्मीदवार की असामयिक मौत के कारण चुनाव टल गया और अब कुल 607 प्रत्याशी ही मैदान में बचे हैं।


किस पार्टी से कितने अपराधी पांचवें चरण के प्रत्याशी

  • बसपा- 45 फीसद अपराधी हैं, वहीं गंभीर आरोपियों को टिकट देने में भी सबसे आगे है।
  • भाजपा में 41 फीसद अपराधी
  • सपा- 41 फीसद अपराधी
  • कांग्रेस- 21 फीसद अपराधी

ये हैं पांचवे चरण के टॉप 10 दागदार नेता

  • अनिल कुमार त्रिपाठी (बसपा) संत कबीर नगर
  • यश भद्रा सिंह (आरएलडी) सुल्तानपुर
  • जितेंद्र सिंह (बसपा) फैजाबाद
  • महबूब आलम (लोक दल) बलरामपुर
  • रूपेश कुमार (आईएनडी ) गोंडा
  • अजय प्रताप सिंह (निर्बल इंडियन शोषित हमारा दल) अम्बेडकरनगर
  • मोहम्मद सऊद (बसपा) अमेठी
  • अनुराग (आईएनडी) बलरामपुर
  • शैलेश कुमार सिंह (बीजेपी) बलरामपुर
  • इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी फैजाबाद

चौथा चरण
उत्तर प्रदेश में चौथे चरण के लिए मतदान हो रहे हैं। इस दौर में 12 जिलों की 53 सीटों पर 680 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 116 उम्मीदवारों यानि 17 फीसद के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 95 ऐसे भी हैं, जिन पर हत्या और अपहरण जैसे गंभीर आपराधिक मामले भी चल रहे हैं। चौथे चरण में 21 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां राजनीतिक दलों के कम से कम 3 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। चौथे चरण में सबसे ज्यादा आपराधिक छवि वाले नेता बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी के 48 में से 19 पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। बसपा के 53 में से 12, आरएलडी 39 में से 9, समाजवादी पार्टी के 33 में से 13 और कांग्रेस के 25 में से 8 और 200 में से 24 निर्दलीय उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर आपराधिक मामले चल रहे हैं।


तीसरा चरण
यूपी विधानसभा चुनाव का तीसरा चरण 19 फरवरी को संपन्न हुआ। तीसरे चरण में कुल 826 में से 110 यानि 14 फीसद उम्मीदवार आपराधिक छवि के हैं। यही नहीं 82 यानि 10 फीसद उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस दौर में भाजपा ने 21 (31 फीसद), बसपा ने 21 (31 फीसद), रालोद ने 5 (13 फीसद), सपा ने 13 (22 फीसद) और कांग्रेस ने 5 (36 फीसद) आपराधिक रिकार्ड वाले उम्मीदवारों पर दांव खेला। इनमें 225 में से 13 यानि 6 फीसद अन्य उम्मीदवारों के खिलाफ भी आपराधिक रिकार्ड दर्ज हैं। इस चरण में बसपा ने 16 (24 फीसद), भाजपा ने 15 (22 फीसद), रालोद ने 4 (10 फीसद), सपा ने 9 (15 फीसद), कांग्रेस ने 3 (21 फीसद) गंभीर आपराधिक रिकार्डधारी नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया। कुल 12 यानि 5 फीसद अन्य उम्मीदवारों ने भी खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक रिकार्ड दर्ज होने की बात कही है।


दूसरा चरण
दूसरे चरण का मतदान 15 फरवरी को संपन्न हुआ और इस दौर में कुल 721 उम्मीदवार मैदान में थे। 107 यानि 15 फीसत प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज थे, जबकि 84 यानि 12 फीसद ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की सूचना निर्वाचन आयोग को दी। दूसरे चरण में भी आपराधिक रिकार्ड वाले नेताओं की कोई कमी नहीं है। दूसरे चरण में भाजपा ने 16 (24 फीसद), बसपा ने 25 (37 फीसद), रालोद ने 6 (12 फीसद), सपा ने 21 (41 फीसद) और कांग्रेस ने 6 (33 फीसद) आपराधिक रिकार्ड वाले नेताओं को टिकट दिया जबकि 206 में से 13 यानि 6 फीसद अन्य नेता भी आपराधिक रिकार्ड वाले थे। इस चरण में बसपा के 17 (25 फीसद), भाजपा के 10 (15 फीसद), रालोद के 6 (12 फीसद), सपा के 17 (33 फीसद), कांग्रेस के 4 (22 फीसद) और 12 अन्य यानि 6 फीसद पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे।


पहला चरण
पहले चरण के चुनाव में भाजपा के 29 (40 फीसद), बसपा के 28 (38 फीसद), रालोद के 19 (33 फीसद), सपा के 15 (29 फीसद) कांग्रेस के 6 (25 फीसद) और कुल 293 निर्दलियों में से 38 (13 फीसद) आपराधिक रिकार्ड के नेता थे। बसपा में 26 (36 फीसद), भाजपा में 22 (30 फीसद), रालोद में 15 (26 फीसद), सपा में 13 (26 फीसद) और 34 अन्य यानि 12 फीसद उम्मीदवारों ने खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक रिकार्ड दर्ज होने की पुष्टि की। पहले चरण के तहत 11 फरवरी के हुए चुनाव में कुल 839 उम्मीदवारों में से 168 यानि 20 फीसद पर आपराधिक मामले दर्ज थे, जबकि 143 यानि 17 फीसद पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे। बता दें कि हत्या, हत्या की कोशिश, डकैती, अपहरण, बलात्कार, दंगे जैसे अपराध गंभीर की श्रेणी में आते हैं।

एडीआर की रिपोर्ट पर आधारित


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