उत्तराखंड के ट्रांस हिमालयी क्षेत्र के 1520 वर्ग किमी में है हिम तेंदुओं का राज
उत्तराखंड के तिब्बत से लगे उच्च हिमालयी क्षेत्र में वन्यजीवों का मोहक संसार बसता है। जैव विविधता के मामले में बेहद धनी इस दुरुह क्षेत्र में पहली बार कराए गए सर्वे में यहां वन्यजीवों की 19 प्रजातियां चिह्नित की गई।
केदार दत्त, देहरादून। तिब्बत से लगे उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र में वन्यजीवों का मोहक संसार बसता है। जैव विविधता के मामले में बेहद धनी इस दुरुह क्षेत्र में पहली बार कराए गए सर्वे में यहां वन्यजीवों की 19 प्रजातियां चिह्नित की गई। सर्वे में जुटी टीमों को हिम तेंदुए प्रत्यक्ष तो नजर नहीं आए, लेकिन 39 स्थानों पर इनकी मौजूदगी के प्रमाण मिले। नतीजों के विश्लेषण में बात सामने आई कि तीन से छह हजार मीटर की ऊंचाई पर 45 से 75 डिग्री तक के ढलानों पर करीब 1520 वर्ग किमी क्षेत्र में हिम तेंदुओं का राज है। इस क्षेत्र में पहली बार वुल्फ (भेड़िया), हिमालयन स्ट्रोट व लिंक्स की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से वन विभाग ने पहली बार पिछले वर्ष 15 से 30 जून तक उत्तराखंड के इस ट्रांस हिमालयी क्षेत्र में सर्वे किया, जिसके नतीजे अब सार्वजनिक किए गए हैं। इसके साथ ही तिब्बत से लगे इस उच्च हिमालयी क्षेत्र की जैव विविधता का पहला डेटा मिला।
इस अभियान की अगुवाई भारतीय वन्यजीव संस्थान की ओर से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिलाल हबीब और वन विभाग की ओर से मुख्य वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन ने की। डॉ. मोहन ने बताया कि अस्कोट कस्तूरा अभयारण्य से लेकर गोविंद राष्ट्रीय पार्क तक का यह क्षेत्र जैव विविधता के मामले में बेहद धनी है। यह पहला मौका है, जब इस क्षेत्र में वास करने वाले वन्यजीवों की मुख्य प्रजातियों व उनकी संख्या का आंकड़ा मिल पाया है। अब इस क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण को प्रभावी कदम उठाए जा सकेंगे।
सर्वे के नतीजे
प्रजातियां-देखी/प्रमाण
भरल (ब्ल्यू शीप)-1044
हिमालयन थार-237
कस्तूरी (हिमालयन मस्क डीयर)-04
हिमालयन गोरल-11
हनुमान लंगूर-11
बंदर-03
हिमालयन काला भालू-02/06
गुलदार-01/20
हिमालयन मारमोट (रोडेंट)-11
हिमालयन स्ट्रोट-01
रॉयल्स पाइका (माउस हेयर)-04
रेड फॉक्स-03/24
भेड़िया-01/02
यलो थ्रोट मार्टेन (चित्रोल)-01
लिंक्स (बिल्ली की खास प्रजाति)-00/01
हिमालयन सिराऊ-00/02
हिमालयन भूरा भालू-00/05
स्नो लेपर्ड-00/39
तिब्बतन वूली हेयर-01/00
सर्वे के खास बिंदु
-8981.23 वर्ग किमी क्षेत्र में वन विभाग व भारतीय वन्यजीव संस्थान की संयुक्त टीमों ने किया सर्वे
-16 घाटियों में सर्वे के दौरान 16 टीमों ने इस क्षेत्र में वन्यजीवों की प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मौजूदगी के प्रमाण जुटाए
-15 दिन में पूरा किया गया इस उच्च हिमालयी क्षेत्र का सर्वे
-5760 घंटे सर्वे टीमों ने इस क्षेत्र में बिताए
-640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में सर्वे टीमें घूमीं
-67 स्थानों पर सर्वे टीमों ने सैंपलिंग का कार्य किया
-19 प्रजातियां उच्च हिमालयी क्षेत्र में सर्वे में चिह्नित की गईं
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