गौ भक्ती के नाम पर हत्या करना पूजा नहीं है: पीएम मोदी
जिस देश में चींटी, कुत्ते व मछली को खाना व दाना देने के संस्कार हों वहां गाय के नाम पर इंसान को मार डालना कहां तक उचित है?
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली/अहमदाबाद। तथाकथित गौ भक्तों की हिंसा के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जताते हुए स्पष्ट किया है कि हिंसा अस्वीकार्य है और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम के पास गौशाला मैदान से ही उन्होंने सख्त संदेश दिया कि किसी को भी कानून हाथ में लेने का हक नहीं है। एक साल में यह दूसरा मौका है जब वह हिंसा में जुटे गौ भक्तों पर बरसे हैं।
पिछले कुछ महीनों में देश के कई हिस्से से गौमांस को लेकर हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। एक दिन पहले देश के कई हिस्से में इस मुद्दे पर कुछ संगठन प्रदर्शंन करते भी दिखे हैं। विपक्षी दलों की ओर से इसे मुद्दा भी बनाया जाता रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी की भूमि को चुना। साबरमती आश्रम के शताब्दी समारोह में बोलते हुए उन्होंने सीधा कथित गौ भक्तों पर हमला किया। यह महात्मा गांधी के गुरु श्रीमद रामचंद्र जी की 150वां जन्मदिवस का आयोजन भी था।
मोदी ने कहा- 'गाय के नाम पर किसी की हत्या करना अस्वीकार्य है. यह अहिंसा की भूमि है.गांधी और विनोबा ने हमें सिखाया है कि असली गौ भक्ति क्या होता है।' इसी क्रम में गौसेवा की बचपन की कहानी सुनाते हुए पीएम एकबारगी भावुकभी हो गए। देश के वर्तमान माहौल को लेकर अपनी पीडा व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा 'जिस देश में चींटी, कुत्ते व मछली को खाना व दाना देने के संस्कार हों वहां गाय के नाम पर इंसान को मार डालना कहां तक उचित है?
कौन र्दोषी है कौन नहीं इसका निर्णय कानून करेगा, किसी को अपने हाथ में कानून लेने का हक नहीं है।' विनोबा को याद करते हुए कहा कि जब वे उनसे मिले तो विनोबा जी ने कहा था कि गाय की रक्षा के लिए मर जाओ। ध्यान रहे कि पिछले साल अगस्त में भी प्रधानमंत्री ने सख्त लहजे में ऐसे हिंसक गौ भक्तों को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग गाय भक्ति के नाम पर अपनी दुकान चला रहे हैं। यह बंद करना होगा।
उन्होंने राज्यों के ऐसे लोगों का डाजियर भी तैयार करने को कहा था। हालांकि संघ परिवार के कुछ घटकदलों की ओर से भी प्रधानमंत्री के वक्तव्य पर तीखी प्रतिक्रिया भी हुई थी लेकिन सरकार और भाजपा की ओर से यह संदेश दे दिया गया था कि ऐसी घटनाओं को लेकर सख्ती होगी।
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