केजरीवाल अब नहीं करेंगे पैसे लेने की अपील, आयोग सख्त
आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल के बयानों पर चुनाव आयोग की सख्ती अपना असर दिखाने लगी है। केजरीवाल ने अब आयोग को लिखित तौर पर कहा है कि वे वोटरों से दूसरी पार्टियों से पैसे लेने की अपील नहीं करेंगे। हालांकि आचार संहिता का उल्लंघन कर लगातार जारी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल के बयानों पर चुनाव आयोग की सख्ती अपना असर दिखाने लगी है। केजरीवाल ने अब आयोग को लिखित तौर पर कहा है कि वे वोटरों से दूसरी पार्टियों से पैसे लेने की अपील नहीं करेंगे। हालांकि आचार संहिता का उल्लंघन कर लगातार जारी रही उनकी ऐसी बयानबाजी पर आयोग बेहद गंभीर है। ऐसे में कदम पीछे खींचने के बावजूद केजरीवाल को मुश्किल हो सकती है।
शनिवार को केजरीवाल ने आयोग को पत्र लिख कर अपने बयानों पर सफाई दी। उन्होंने कहा है कि पैसे देने वालों से पैसे ले लेने की अपील वे पिछले कई चुनावों से करते आ रहे हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री रहते हुए भी उन्होंने रिश्वतखोरी के खिलाफ ऐसी ही अपील की थी। केजरीवाल ने कहा है, 'आपने देखा कि मेरी इस अपील ने भ्रष्ट अधिकारियों के मन में ऐसा खौफ पैदा कर दिया कि उन 49 दिन में दिल्ली में रिश्वतखोरी लगभग बंद हो गई।' साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर उनके तर्को से आयोग संतुष्ट नहीं हो तो वह खुद आ कर अपनी सफाई देना चाहेंगे।
आयोग सख्त
अपने पत्र में केजरीवाल ने जिस तरह के तर्क दिए हैं, उससे आयोग के संतुष्ट होने की उम्मीद बहुत कम है। एक दिन पहले ही आयोग ने उनके ऐसे ही एक और बयान पर सख्ती दिखाते हुए उनकी आधिकारिक तौर पर निंदा की है। इस मामले में उन्होंने भाजपा पर दंगे भड़काने का आरोप लगाया था। नोटिस मिलने के बाद उन्होंने इस मामले में भी इसी तरह के तर्क दिए थे। मगर आयोग ने इन्हें सिरे से ठुकरा दिया था।
क्या कहा था केजरीवाल ने
'..पैसे देने आए, मना मत करना। दोनों पार्टियों से ले लेना। अपना ही पैसा लूट रखा है इन्होंने। कोई पार्टी नहीं देने आए तो उनके दफ्तर जा कर ले लेना।'
गडकरी कर चुके यही गलती
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भी अक्तूबर में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ ऐसा ही बयान दिया था। चुनाव आयोग ने इस पर उनके खिलाफ आधिकारिक तौर पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, '..देसी और विदेशी शराब मिलेगी। महंगाई के जमाने में जो मिल रहा है खा लो, पी लो। जो मिल रहा है रख लो।'