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कश्मीर बंद के दौरान हिंसा में नाबालिग की मौत, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

अलगाववादी नेता मसर्रत आलम की गिरफ्तारी के खिलाफ शनिवार को घाटी में हड़ताल के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों में एक नाबालिग की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि एक डीएसपी और 14 पुलिसकर्मियों समेत 25 लोग जख्मी हो गए।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 18 Apr 2015 07:04 AM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2015 08:50 AM (IST)
कश्मीर बंद के दौरान हिंसा में नाबालिग की मौत, मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

जागरण ब्यूरो, श्रीनगर। अलगाववादी नेता मसर्रत आलम की गिरफ्तारी के खिलाफ शनिवार को घाटी में हड़ताल के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़पों में एक नाबालिग की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि एक डीएसपी और 14 पुलिसकर्मियों समेत 25 लोग जख्मी हो गए।

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उग्र भीड़ ने पर्यटन विभाग की हट को जला दिया और पर्यटकों के वाहनों व कई दुकानों में भी तोड़फोड़ की। पुलिस ने फायरिंग में नाबालिग की मौत पर शोक जताते हुए संबंधित सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने माना कि इस मामले में स्टैंडिंग ऑपरेशनल प्रोसीजर (एसओपी) का उल्लंघन हुआ है। इसके अलावा इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। सीआरपीएफ ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है।

निर्दलीय विधायक इंजीनियर रशीद ने कुपवाड़ा में अपने समर्थकों संग जुलूस निकाला और उनके समर्थकों ने कश्मीर में रायशुमारी के हक में खूब नारेबाजी की। इस बीच, ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी, डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के प्रमुख शब्बीर शाह लगातार तीसरे दिन अपने घर में नजरबंद रहे, जबकि मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को सुबह नजरबंद किया गया।

गौरतलब है कि गिलानी ने मसर्रत आलम की गिरफ्तारी के खिलाफ शनिवार को कश्मीर में बंद का आह्वान किया था। सभी अलगाववादी व आतंकी संगठनों के अलावा कश्मीर बॉर एसोसिएशन ने भी इसके समर्थन का एलान किया था। बंद का असर सुबह से ही पूरी वादी में नजर आया।

श्रीनगर-गुलमर्ग मार्ग पर स्थित नारबल में कुछ युवकों ने एक पुलिस वाहन को आग लगाने का प्रयास किया। इस पर जवानों ने भीड़ को खदेड़ने के लिए हवा में गोलियां चलाई। इस दौरान नौंवी कक्षा के एक छात्र समेत नौ लोग और तीन सुरक्षाकर्मी घायल हैं। सुहेल को उसी समय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।सुहेल की मौत के बाद हिंसा और भड़क गई।

श्रीनगर-मुजफफराबाद सड़क पर पल्हालन (पट्टन) के अलावा सोपोर और बारामुला के विभिन्न हिस्सों में भी पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच ¨हसक झड़पें हुईं। त्राल और कोयमू (कुलगाम) में पुलिस को ¨हसक भीड़ पर काबू पाने के लिए लाठियों के साथ-साथ आंसूगैस का सहारा लेना पड़ा।

कोयमू में एक पुलिस डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मी व छह प्रदर्शनकारी जख्मी हो गए।इस बीच आइजीपी ने कहा कि इस मामले की जांच के दौरान पाया गया कि संबंधित सुरक्षाकर्मियों ने एसओपी का पालन नहीं किया है। इसलिए उनके खिलाफ मागम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।

पढ़ें : मुफ्ती की नरमी के बाद देश्ाद्रोह में मसर्रत गिरफ्तार


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