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जयललिता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी कर्नाटक सरकार

आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कर्नाटक हाई कोर्ट ने जयललिता और तीन अन्य को 11 मई को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। अब इस फैसले के खिलाफ कर्नाटक सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2015 01:18 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2015 02:05 PM (IST)
जयललिता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी कर्नाटक सरकार

नई दिल्ली। आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कर्नाटक हाई कोर्ट ने जयललिता और तीन अन्य को 11 मई को सभी आरोपों से बरी कर दिया था। अब इस फैसले के खिलाफ कर्नाटक सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।

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जयललिता केस में सरकारी वकील रहे बीवी आचार्य ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। उनका कहना है कि कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट का ये फैसला बिल्कुल सही है। वहीं इससे पहले द्रमुक मुनेत्र कडगम (डीएमके) ने कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा जयललिता को बरी किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।

उल्लेखनीय है कि द्रमुक की अपील पर ही सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में इस केस को बेंगलुरु स्थानांतरित कर दिया था। तभी से द्रमुक महासचिव के. अनबझगन इस केस से जुड़े रहे हैं। उन्होंने ही तमिलनाडु सरकार द्वारा इस केस में जी. भवानी सिंह को एसपीपी नियुक्त किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में सफलतापूर्वक चुनौती दी थी।

दरअसल, कर्नाटक हाई कोर्ट ने 11 मई को अपने फैसले में जयललिता को बेहिसाबी संपत्ति केस में बरी कर दिया। उससे करीब आठ महीने के बाद जयललिता के फिर से मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। उन्होंने शनिवार को पांचवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री का पद भी संभाल लिया।

निचली अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद जयललिता के "राजनीतिक भविष्य पर ग्रहण" लगने से द्रमुक राज्य सत्ता पर फिर से अपनी वापसी की संभावना देख रही थी। लेकिन हाई कोर्ट के फैसले से बाजी पलटती दिख रही है।

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