सजा माफी के लिए जस्टिस कर्णन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दरबार में पहुंचे
जस्टिस कर्णन को अदालत के अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 9 मई को छह माह कैद की सजा सुनाई गई थी।
कोलकाता, पीटीआई। कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस सीएस कर्णन अब अपने मामले को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की शरण में पहुंचे हैं। पूर्व जस्टिस कर्णन ने अपनी कारावास की सजा माफ करवाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष आवेदन दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जस्टिस कर्णन को 6 महीने के कैद की सजा सुनाई है।
रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को ही राष्ट्रपति का पद संभाला है। इससे पहले 19 मई को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सी एस कर्णन ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखकर अपनी सजा के निलंबन की गुहार लगाई थी। अनुच्छेद 72 के अनुसार राष्ट्रपति के पास दंड से क्षमा, दंड विराम, राहत या कमी देने या सजा को निलंबित करने की शक्ति होती है।
विवादित पूर्व जस्टिस कर्णन के वकील मैथ्यूज जे नेदुंपारा ने राष्ट्रपति कार्यालय में उनका प्रतिनिधित्व किया। मैथ्यूज ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति कार्यालय के सामने पूर्व जस्टिस कर्णन को मिली 6 महीने की कैद से माफी देने की अर्जी दी गई है।
उन्होंने कहा कि हम इस मामले में जल्द से जल्द राष्ट्रपति से मुलाकात भी करने वाले हैं और इस संदर्भ में राष्ट्रपति कार्यालय के संपर्क में हैं।
छह महीने की सजा काट रहे हैं कर्णन
जस्टिस कर्णन को अदालत के अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 9 मई को छह माह कैद की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट में भी नौ मई के आदेश को वापस लेने की मांग कर चुके हैं।
उन्होंने 20 जून को कोयम्बटूर से हुई अपनी गिरफ्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट में जमानत की भी अपील की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस (सेवानिवृत्त) सीएस कर्णन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने की जेल की सजा को निलंबित करने से भी इनकार कर दिया था।
अदालत की अवमानना के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद 20 जून को कर्णन को पश्चिम बंगाल सीआईडी ने तमिलनाडु के कोयम्बटूर से गिरफ्तार किया था।
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