केजीरवाल ने क्यों किया था नोटबंदी का विरोध, कपिल मिश्रा ने खोला अहम राज
कपिल ने कहा कि AAP ने दिल्ली के वकील रोहित टंडन की कंपनी से पैसा लिया। उसकी करो़ड़ों की संपत्ति नोटबंदी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग के चलते जब्त कर ली।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) से निलंबित नेता कपिल मिश्रा ने एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शुक्रवार को पत्रकार वार्ता कर इस बात से भी पर्दा हटाया कि आखिर अरविंद केजरीवाल ने नोटबंदी का इतना विरोध क्यों किया था।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने नोटबंदी का विरोध इसलिए किया था, क्योंकि उनके हवाला ऑपरेटरों से संबंध हैं। कपिल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि आप ने दिल्ली के वकील रोहित टंडन की कंपनी से पैसा लिया। उसकी करो़ड़ों की संपत्ति नोटबंदी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग के चलते जब्त कर ली।
कपिल मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल ने नोटबंदी का विरोध क्यों किया? इस कदम के खिलाफ देशभर का दौरा क्यों किया? क्योंकि उनका आदमी जो कालाधन एकत्र करता है उसके ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापे मारे। उनकी कॉलर मेरे हाथ में है उन्हें तिहाड़ जेल जाना ही होगा।
यह भी पढ़ेंः संजय सिंह को थप्पड़ मारने वाली नेत्री बोली- टिकट के लिए पैसे मांगे, मेरे पास सबूत
संजय सिंह ने आरोप नकारे
वहीं, AAP नेता संजय सिंह ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि 5 अप्रैल 2014 को लिया गया 2 करो़ड़ रुपये का चंदा बैंकिंग के माध्यम से लिया गया था। इसमें कुछ भी अवैध नहीं है। दो साल हो गए।
जांच एजेंसियां कुछ भी गलत नहीं ढूंढ़ पाई। इससे पहले आप ने कहा था कि 50--50 लाख के चार चेकों के माध्यम से मिले चंदे के स्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस राशि का जिक्र किया था।
यह भी पढ़ेंः कपिल मिश्रा से लोकायुक्त हुईं नाराज, कहा- PC छोड़कर तुरंत कोर्ट में आओ
दो कंपनियों में मुकेश डायरेक्टर ही नहीं
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को दिल्ली के व्यापारी मुकेश कुमार ने कहा था कि उन्होंने यह पैसा दिल्ली में रजिस्टर्ड अपनी चार कंपनियों के मार्फत दिया था।
इस पर कपिल मिश्रा ने शुक्रवार को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के दस्तावेज दिखाते हुए दावा किया कि इन चार कंपनियों में से दो में तो मुकेश कुमार डायरेक्टर भी नहीं हैं।
ये फर्जी कंपनियां हैं जो किसी प्रकार का कारोबार नहीं करती। इन्हें अवैध लेन--देन के लिए उपयोग किया जाता है। कपिल मिश्रा ने मुकेश कुमार नाम के व्यक्ति के वीडियो को झूठा बताया।
उन्होंने हेमप्रकाश शर्मा नाम के व्यक्ति का जिक्र किया और कहा कि उसे बचाने के लिए केजरीवाल और आप ने मुकेश कुमार को आगे कर दिया। शर्मा इन कंपनियों में डायरेक्टर हैं।
यहां तक कि शर्मा भी मुखौटा ही हैं। यह मंत्रालय के दस्तावेजों से स्पष्ट है कि रोहित टंडन इनमें से एक कंपनी में 10 अप्रैल 2014 को डायरेक्टर बने थे।
टैक्स नहीं देता पर दो करोड़ का चंदा देता है
चार कंपनियों में गोल्डमाइन बिल्डकॉन प्रा लि, इंफोलांस सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस लिमि, स्कायलाइन मेटल एंज एलॉस प्रा लि, सनविजन एजेंसीज प्रालि हैं।
यह जानकारी नील टैरेंस हसलम ने दी। उन्हें 2014 में आप से बाहर कर दिया गया था। वह मिश्रा के साथ आरोप लगाने में साथ दे रहे थे।
कपिल ने मुकेश कुमार की एक कंपनी एसकेएन असोसिएट के बारे में एक विडियो के जरिए दावा किया कि यह फर्जी है। मुकेश बैंक डिफॉल्टर हैं। विभाग ने उनकी बिल्डिंग की मुनादी कर दी थी।
उन्होंने कहा, 'वह (मुकेश) वैट नहीं देता, टैक्स नहीं देता, लेकिन आप को दो करो़ड़ का चंदा देता है।' दिल्ली सरकार ने वषर्ष 2013 में उसे नोटिस जारी किया था।