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भारत लौटा आईएस लड़का 8 दिसंबर तक एनआईए की कस्‍टडी में

जिहाद का रास्‍ता छोड़ भारत लौटे युवक को शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। आइएस की ऑनलाइन मुहिम से प्रभावित होकर जिहादी गुट में शामिल होने गए मुंबई के चार युवाओं में एक वापस लौट आया जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था।

By vivek pandeyEdited By: Published: Sat, 29 Nov 2014 08:25 AM (IST)Updated: Sat, 29 Nov 2014 01:46 PM (IST)
भारत लौटा आईएस लड़का 8 दिसंबर तक एनआईए की कस्‍टडी में

नई दिल्ली। जिहाद का रास्ता छोड़ भारत लौटे युवक को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया। अदातल ने उसे 8 दिसंबर तक के लिए एनआईए की कस्टडी में भेज दिया है। एनआईए ने उसकी 14 दिनों की रिमांड मांगी थी। वापस लौटे आरिफ माजिद (23) को एनआइए ने शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया था।

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उससे फिलहाल एनआइए, खुफिया ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और महाराष्ट्र एटीएस पूछताछ कर रही है। गौरतलब है कि इससे पहले सीरिया में लड़ाई के दौरान माजिद के मारे जाने की खबर आई थी।

गौरतलब है कि आइएस की ऑनलाइन मुहिम से प्रभावित होकर जिहादी गुट में शामिल होने गए मुंबई के चार युवाओं में एक वापस लौट आया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। सूत्रों का कहना है कि तीन अन्य वापस लौटने की फिराक में हैं।

माजिद भले ही आइएस के चंगुल से भागने में सफल रहा हो, लेकिन उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। पूछताछ के दौरान वह आइएस में शामिल होने को सही ठहराने की कोशिश कर रहा है। उसका कहना है कि वह अल्लाह की लड़ाई के लिए गया था। हालांकि एजेंसियों का कहना है कि अगर उसे पछतावा होता तो उसके खिलाफ नरमी बरती जाती।

एफआइआर दर्ज

माजिद के सख्त और कïट्टर रवैये को देखते हुए एजेंसियां उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है। महाराष्ट्र एटीएस या फिर एनआइए आतंकी गुट में शामिल होने के आरोप में उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि माजिद और उसके साथियों को 15 दिन के प्रशिक्षण के बाद युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया था।

लड़ाके दस्ते में शामिल था

माजिद के अनुसार वह आइएस के लड़ाके दस्ते में शामिल था। वहीं लड़ाई में उसे गोली लगी और हवाई हमलों में भी कई चोटें आईं। इसके साथ ही उसके शरीर पर कुछ अन्य चोटों के भी निशान हैं। इस संबंध में उससे पूछताछ की जा रही है। अगस्त में साहिम ने माजिद के घर वालों को फोन कर उसके लड़ाई में शहीद होने की सूचना दी।

तीन अन्य की भी वापसी संभव

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि माजिद के साथ ही उसके अन्य तीनों साथी अब वापस लौटना चाहते हैं। अपने परिजनों से उन्होंने ऐसी इच्छा जताई है। लेकिन अभी वे आइएस में शामिल हैं और उन्हें भागने का मौका नहीं मिला है। जरूरत पडऩे पर एजेंसियां उन तीन लड़कों को भी वापस लाने में मदद करेगी।

इंटरनेट से फंसा चंगुल में

माजिद ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि इंटरनेट के जरिए वह आतंकी दुष्प्रचार के चंगुल में आया और उसने ऑनलाइन ही जिहाद में शामिल होने की इच्छा जताई थी। उसे एक फोन नंबर देकर संपर्क करने को कहा गया। इस दौरान वह मुंबई के उपनगर कल्याण के ही तीन अन्य लड़कों अमन, फहद और साहिम के संपर्क में आया। फिर 23 मई को सभी इराक में मुस्लिम तीर्थ स्थलों को देखने के बहाने इराक चले गए और आइएस के कब्जे वाले इलाके में पहुंचे।

ऐसे मिला माजिद

-उसने अक्टूबर में परिजनों को फोन कर वापसी की इच्छा जताई।

-वह आइएस के चंगुल से निकल इराक से तुर्की आ गया था।

-उसके पिता ने इसकी सूचना एनआइए को दी।

-एक माह की कोशिशों के बाद भारतीय एजेंसियों ने तुर्की में ढूंढ निकाला।

-एनआइए की टीम शुक्रवार सुबह उसे मुंबई लेकर आई। देर रात गिरफ्तार।

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