राहुल बनें अध्यक्ष तो 2019 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार : ज्योतिरादित्य
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य ने कहा है कि अगले आम चुनाव के बाद केंद्र में कांग्रेस सरकार बनाएगी।
नई दिल्ली (पीटीआई)। वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। उनके नेतृत्व में 2019 के आम चुनाव के बाद केंद्र में कांग्रेस सरकारी बनाएगी। सिंधिया ने कहा कि कश्मीर व पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार की नीति विफल हो गई है।
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में रविवार को शिरकत करते हुए सिंधिया ने ये बातें कहीं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की कमान पूरी तरह राहुल को सौंपने को लेकर पार्टी में बहस चल रही है। कुछ पार्टी नेताओं का कहना है कि राहुल को पदोन्नत करना चाहिए, जबकि कुछ की राय है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अभी रिटायर नहीं होना चाहिए।
वहीं सिंधिया ने साफ कहा कि राहुल को अध्यक्ष बनना चाहिए। उनके नेतृत्व में पार्टी मजबूत होगी और 2019 में सरकार बनाने में कामयाब होगी। 26 मई को मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के प्रस्तावित जश्न को देखते हुए सिंधिया ने सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश में असहिष्णुता ब़़ढी है और दलित विरोधी वातावरण बना है।
मोदी से मुकाबले में सक्षम
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी में जबर्दस्त क्षमता है। वे पार्टी व देश का नेतृत्व करते हुए उसे आगे ले जाने में सक्षम हैं। उन्हें बुनियादी मुद्दों की गहरी पक़़ड है। वह मोदी का भी निश्चित रूप से मुकाबला कर सकते हैं। उनके नेतृत्व में हम 2019 में सरकार बना सकते हैं।
खड़गे की जगह लेंगे?
यह पूछने पर कि लोस में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की जगह उन्हें यह पद दिए जाने के सवाल पर सिंधिया ने कहा, 'पार्टी की क्या रणनीति है, भविष्य में क्या होने वाला है, ऐसी बातें हैं, जिनके रहस्य मैं नहीं बता सकता। मैं कांग्रेस कार्यकर्ता हूं और हमेशा उसे विश्वास रखा है।' सिंधिया ने माना कि कांग्रेस को नया स्वरूप देने की जरूरत है। उन राज्यों पर फोकस करना होगा, जहां हम फिर सत्ता में आ सकते हैं।
दलित, आदिवासी मुक्त भारत चाहती है भाजपा
भाजपा के 'कांग्रेस मुक्त भारत' के प्रचार पर हमला बोलते हुए सिंधिया ने कहा कि सरकार व सत्तारू़़ढ गठबंधन देश में असहिष्णुता बढ़ा रहे हैं। वे देश को दलित व आदिवासी मुक्त बनाना चाहते हैं। यदि देश को एकजुट व शांतिपूर्ण रखना है तो वह सांप्रदायिक सामंजस्य की बुनियाद पर आधारित होना चाहिए।
यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेशवासियों को बहुत याद आए राजीव गांधी, हवन और शांतिपाठ